Shanidev Puja Mantra: हिन्दू धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता और कर्मफल दाता माना जाता है. जब शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या महादशा चल रही हो, या कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हों, तो जातक को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में शनिदेव को प्रसन्न करने और उनके अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए काले तिल अर्पित करना एक बहुत ही प्रभावी उपाय माना जाता है. काले तिल शनिदेव को अत्यंत प्रिय हैं.
काले तिल चढ़ाते समय ऐसे करें पूजाॐ शं शनैश्चराय नमः : यह मंत्र शनिदेव को समर्पित है और इसका जाप करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है.
शनिदेव का वैदिक/पौराणिक मंत्र (बीज मंत्र)ॐ नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥: मैं उन शनिदेव को नमन करता हूं, जिनका रंग नीला है, जो सूर्यपुत्र और यम के बड़े भाई हैं, और जो छाया (शनिदेव की माता) तथा मार्तण्ड (सूर्यदेव का दूसरा नाम) से उत्पन्न हुए हैं.
शनि गायत्री मंत्रॐ काकध्वजाय विद्महे, खड्गहस्ताय धीमहि, तन्नो मन्दः प्रचोदयात्॥: हम कौवे के ध्वज वाले, हाथ में खड्ग धारण किए हुए, धीरे-धीरे चलने वाले (शनिदेव) का ध्यान करते हैं. वे मंद गति वाले शनि महाराज हमें अपनी शरण प्रदान करें.
शनिवार के दिन इन मंत्रों का जाप और विधि-विधान से पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं. यह साढ़ेसाती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है, कुंडली में शनि को मजबूत करता है, और जीवन के हर कष्ट व बाधा को दूर कर सुख-शांति प्रदान करता है.