कांवड़ यात्रा से पहले राजस्थान के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम का बड़ा बयान, बोले - 'कुछ तत्व माहौल बिगाड़ने की कोशिश में...'
aapkarajasthan June 20, 2025 06:42 PM

राजस्थान के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने गुरुवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कांवड़ यात्रा (कांवड़ यात्रा 2025) से पहले बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग माहौल खराब करना चाहते हैं, लेकिन सरकार ऐसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। कांवड़ यात्रियों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी।

11 जुलाई से शुरू होगी कांवड़ यात्रा

कांवड़ यात्रा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसमें श्रद्धालु नदी का जल भरकर शिव मंदिर या शिवालय पहुंचते हैं और शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। इस साल कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू होगी और 30 दिनों तक चलेगी। गृह राज्य मंत्री ने कहा, 'मुख्यमंत्री ने स्थायी निर्देश जारी किए हैं कि जहां भी कोई धार्मिक आयोजन या जुलूस होता है, चाहे उसमें संत हों या अन्य, हमारी पुलिस सुरक्षा और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कार्ययोजना तैयार करती है। राजस्थान में यह परंपरा है कि जब कांवड़ यात्री आते हैं, तो उनके टेंट, आवास, भोजन, पानी और ठंडे पेयजल की व्यवस्था की जाती है।'

'कांग्रेस के राज में प्रदेश में जंगलराज था'

जवाहर सिंह बेढम ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान राजस्थान में जंगलराज जैसे हालात थे. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान राजस्थान में शांति बहाल हुई है और कानून का राज स्थापित हुआ है. भाजपा सरकार के दौरान लोग शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं. महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भारी कमी आई है. आम जनता राजस्थान सरकार के काम से पूरी तरह संतुष्ट नजर आ रही है. सरकार ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है और मादक पदार्थों की तस्करी पर भी लगाम लगाई है. सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों.

कांवड़ यात्रा की शुरुआत कैसे हुई?

कांवड़ यात्रा 4 तरह की होती है. सामान्य कांवड़ यात्रा, खड़ी कांवड़ यात्रा, दांडी कांवड़ यात्रा और डाक कांवड़ यात्रा. यात्रा के दौरान भक्त हरिद्वार, ऋषिकेश, गोमुख, सुल्तानगंज जैसे पवित्र स्थानों से नदी का जल इकट्ठा करते हैं और नंगे पैर कई किलोमीटर की लंबी दूरी तय करने के बाद गंतव्य (शिव मंदिर या शिवालय) तक पहुंचते हैं और इस मिश्रित जल से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं. मान्यता है कि इससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है. मान्यता है कि कांवड़ यात्रा की शुरुआत सबसे पहले भगवान शिव के भक्त भगवान परशुराम ने की थी. तभी से ये परंपरा चली आ रही है. मासिक शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. ऐसे में ये तिथि 23 जुलाई को सुबह 04:39 बजे से शुरू होकर 24 जुलाई को सुबह 02:28 बजे समाप्त होगी. ऐसे में सावन शिवरात्रि का पर्व 23 जुलाई को मनाया जाएगा.

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