बिजली का पानी व्हाट्सएप समूह: राजस्थान के कठूमर उपखंड मुख्यालय पर बिजली और जलदाय विभाग ने एक ऐसा कदम उठाया है, जो अब शिकायतों के समाधान का सबसे तेज और प्रभावी जरिया बन चुका है. यहां विभागों की ओर से WhatsApp ग्रुप्स बनाए गए हैं, जिनमें अधिकारी, कर्मचारी और आम उपभोक्ता सभी जुड़े हुए हैं.
जयपुर विद्युत वितरण निगम ने साल 2019 में WhatsApp ग्रुप की शुरुआत की थी. कस्बे में दो अलग-अलग फीडर हैं, और जब भी किसी फीडर की बिजली सप्लाई बाधित होती है, उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी फोन कॉल्स पर मिलनी मुश्किल हो जाती थी. उस समय अफसर और कर्मचारी तकनीकी व्यवस्था सुधारने में लगे रहते थे.
अब “कठूमर में बिजली की समस्याएं” नाम से बना ग्रुप लोगों को तुरंत अपडेट देने का माध्यम बन गया है. इसमें बिजली कटौती, शटडाउन सूचना, बिल संबंधित अपडेट, और मरम्मत में लगने वाला समय जैसी सूचनाएं सीधे साझा की जाती हैं.
जलदाय विभाग ने भी अपनी तरफ से एक स्थानीय WhatsApp ग्रुप बनाया है. इसमें उपभोक्ताओं को पानी की सप्लाई का समय, लाइनों में लीकेज, सप्लाई बाधा के कारण, और कर्मचारी की ड्यूटी जानकारी तुरंत मिल जाती है.
इन ग्रुपों में Jal Jeevan Mission (JJM) के ठेकेदार, विभागीय अधिकारी, कर्मचारी और स्थानीय उपभोक्ता जुड़े हुए हैं. इससे शिकायतें सीधे जिम्मेदार लोगों तक पहुंचती हैं, जिससे समस्या के समाधान में देरी नहीं होती.
शिकायत की बजाय समाधान पर फोकस
स्थानीय निवासी गगन खंडेलवाल के अनुसार, “इन ग्रुपों की वजह से अब कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ते. अधिकांश शिकायतों का हल व्हाट्सऐप पर ही हो जाता है.”
अनिल कूलवाल बताते हैं, “अधिकारी खुद ग्रुप में सक्रिय रहते हैं और फीडबैक भी लेते हैं, जिससे समाधान जल्दी होता है.”
कृष्ण गोपाल शर्मा (AEN, बिजली निगम) के अनुसार, “गर्मी के मौसम में ढीले तार, हाई रिस्क पॉइंट्स और शटडाउन की जानकारी ग्रुप में तुरंत शेयर की जाती है. इससे उपभोक्ताओं को समय रहते अलर्ट मिल जाता है.”
जलदाय विभाग के कर्मचारी ड्यूटी चार्ट को ग्रुप में डाल देते हैं, जिससे उपभोक्ता ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी से सीधे संपर्क कर सकते हैं. इससे अफसरों को भी निगरानी में आसानी होती है.
कठूमर का यह डिजिटल समाधान मॉडल न केवल लोगों की परेशानियां कम कर रहा है बल्कि शासन और प्रशासन के बीच पारदर्शिता भी ला रहा है. इस मॉडल को राज्य के अन्य उपखंडों में भी अपनाया जा सकता है, ताकि शिकायतों का समाधान तकनीक के जरिए और अधिक प्रभावशाली बनाया जा सके.