नई रेलवे लाइन: उत्तर प्रदेश के नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) को बेहतर रेल कनेक्टिविटी देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है. इसके लिए उत्तर मध्य रेलवे द्वारा तैयार की गई प्रस्तावित रेलवे लाइन योजना (अलाइनमेंट) को यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यमुना अथॉरिटी) ने मंजूरी दे दी है. अब यह परियोजना जल्द ही अंतिम मंजूरी के लिए भेजी जाएगी, जिसके बाद जमीन अधिग्रहण और निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी.
योजना के अनुसार, यह नई रेलवे लाइन सेक्टर-5ए, 5, 6, 7 और 8 से गुजरते हुए 130 मीटर चौड़ी रोड के साथ-साथ चलेगी और सीधे जेवर एयरपोर्ट से जुड़ेगी. अथॉरिटी ने यह सुझाव दिया है कि इस कॉरिडोर को एयरपोर्ट के साथ इस प्रकार जोड़ा जाए कि यात्री बिना किसी परेशानी के स्टेशन से सीधा एयरपोर्ट तक पहुंच सकें.
अलाइनमेंट के तहत चोला रेलवे स्टेशन से जेवर एयरपोर्ट तक 16 किलोमीटर और एयरपोर्ट से रूंधि तक 29 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बनाई जाएगी. यानी कुल लंबाई होगी 45 किलोमीटर. इस पूरे कॉरिडोर पर 3 नए रेलवे स्टेशनों के निर्माण की योजना है, हालांकि अभी इन स्टेशनों के स्थान को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.
यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने जानकारी दी कि अब जेवर एयरपोर्ट क्षेत्र में रेलवे लाइन को अंडरग्राउंड न बनाकर जमीन के ऊपर ही निकाला जाएगा. यह फैसला एयरपोर्ट की सुरक्षा और निर्माण की तकनीकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. इससे निर्माण लागत और समय में भी कमी आएगी.
इस पूरे रेलवे प्रोजेक्ट पर करीब 2350 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है. यह रेलवे लाइन दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से शुरू होकर IGI एयरपोर्ट तक पहुंचेगी और इसका कनेक्शन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा. इस तरह से यात्री दिल्ली, मुंबई और नोएडा एयरपोर्ट तक निर्बाध यात्रा कर सकेंगे.
जैसे ही अंतिम मंजूरी मिलती है, इस रेलवे प्रोजेक्ट के लिए ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. यमुना अथॉरिटी और रेलवे विभाग मिलकर प्रभावित गांवों और किसानों से बातचीत के जरिए समझौता करेंगे, जिससे निर्माण कार्य में बाधा न आए.
इस परियोजना के पूरा होने पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की रेल कनेक्टिविटी न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी. इससे यात्रियों को दिल्ली और अन्य शहरों से एयरपोर्ट तक पहुंचने में लगने वाला समय भी घटेगा, और ट्रैफिक पर बोझ कम होगा.
उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार द्वारा मिलकर चलाए जा रहे बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों में यह प्रोजेक्ट एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा. इसके माध्यम से पर्यटन, व्यापार और रोजगार के अवसरों को भी नई गति मिलेगी.