Yogini Ekadashi Vrat 2025: आज योगिनी एकादशी का व्रत है. एकादशी का व्रत बहुत पवित्र और नियमों से भरा होता है, इसलिए अगर गलती से यह टूट जाए तो मन में संशय और दुख आना स्वाभाविक है. हालांकि, शास्त्रों में ऐसी स्थितियों के लिए प्रायश्चित के कुछ सरल उपाय बताए गए हैं, जिनसे व्रत का पूर्ण फल मिल सकता है या उसके अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है. जैसे ही आपको पता चले कि आपका व्रत टूट गया है, तो तुरंत भगवान विष्णु (या अपने इष्टदेव) के समक्ष हाथ जोड़कर क्षमा याचना करें. सच्चे मन से अपनी भूल स्वीकार करें और उनसे प्रार्थना करें कि वे आपकी मजबूरी या अनजाने में हुई गलती को क्षमा करें.
अगर गलती से आपका व्रत टूट गया है तो स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें तुलसी दल अर्पित करें. स्वयं भी एक या दो तुलसी दल ग्रहण करें. तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है और इसे ग्रहण करने से पापों का शमन होता है. तुलसी के पत्ते एकादशी पर तोड़े नहीं जाते, इसलिए यदि पहले से रखे हों तो उनका प्रयोग करें.
करें ये खास उपाययदि आपने दिन में कुछ खा लिया था, लेकिन अब आप व्रत जारी नहीं रख सकते, तो भी अगले दिन (द्वादशी तिथि पर) सही समय पर पारण करें. पारण से पहले भगवान विष्णु की पूजा करें, उन्हें भोग लगाएं और फिर स्वयं प्रसाद ग्रहण कर सात्विक भोजन से व्रत खोलें. भगवान भाव के भूखे होते हैं. अगर व्रत अनजाने में या किसी मजबूरी में टूटा है, और आपका मन शुद्ध है तथा आप प्रायश्चित करना चाहते हैं, तो भगवान निश्चित रूप से आपको क्षमा करेंगे और आपकी भक्ति को स्वीकार करेंगे.