11वें अंतर राष्ट्रीय योग दिवस पर काशी नगरी ने सुना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन
Udaipur Kiran Hindi June 21, 2025 08:42 PM

—योग को केवल एक दिन नहीं बल्कि पूरे जीवन का हिस्सा बनाएं: अनुप्रिया पटेल

वाराणसी,21 जून (Udaipur Kiran) । 11वें अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर शनिवार को काशी नगरी ने अपने सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लाइव संबोधन सुना । उसके बाद पूरे उत्साह के साथ आम लोगों के साथ विशिष्ट जनों ने सामूहिक योगाभ्यास प्रशिक्षकों के देखरेख में किया।आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन लाख लोगों के साथ योग कर योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ को वैश्विक संकल्प बनाने का संदेश दिया। यहां अस्सीघाट पर योगाभ्यास करने के पूर्व केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के अगुवाई में लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन सुना। योगाभ्यास में शामिल होने के बाद केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि इस बार का अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बेहद खास है। इस बार हम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के 10 वर्ष पूर्ण कर रहे हैं और 11वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। ऐसे में 10 किस्म के प्रमुख कार्यक्रम हो रहे हैं। जैसा काशी में योग संगम आज हो रहा है वैसा एक लाख स्थान पर पूरे देश में हो रहा है। भारत से शुरू योग का लाभ आज दुनिया भर में पहुंच रहा है। धीरे-धीरे बड़ी संख्या में दुनिया के तमाम देश योग को अपना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि योग को केवल एक दिन नहीं बल्कि पूरे जीवन भर का हिस्सा बनाना चाहिए। आज जिस तरह की जीवन शैली हो गई है,उसमें हर कोई मानसिक स्वास्थ्य की बात कर रहा है। बहुत सारे लोगों को ध्यान,तनाव की समस्या होती है। कई तरह के भ्रम (कन्फ्यूजन)होते है। ऐसे में योग इन समस्याओं का ठोस समाधान है, किंतु इसके लिए योग को नियमित रूप से अपने जीवन में शामिल करना होगा। विश्व योग दिवस पर ही श्री काशी विश्वनाथ धाम में बतौर मुख्य अतिथि योग कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना के नेतृत्व में विशिष्ट जनों ने भी प्रधानमंत्री मोदी का पूरा संबोधन ध्यान से सुना। प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के बाद कैबिनेट मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि महर्षि पतंजलि ने लगभग 3,000 साल पहले देश को योग सूत्र दिया था। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे दुनिया भर का कार्यक्रम बना दिया। प्रधानमंत्री ने 11 दिसंबर, 2014 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे मान्यता दिलाई। आज मुझे खुशी है कि दुनिया के 192 देश इस योग से जुड़े हैं। यह भारतीय परंपरा की सबसे बड़ी जीत है।

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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी

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