मौत के बाद क्या परिवार को चुकाना पड़ेगा कर्ज? जानिए पर्सनल लोन से जुड़े ये जरूरी नियम Personal Loan Rules
Rahul Mishra (CEO) June 21, 2025 09:25 PM

व्यक्तिगत ऋण नियम – आज के दौर में लोन लेना कोई नई बात नहीं रह गई है। चाहे नया घर लेना हो, मेडिकल जरूरत हो, बच्चों की पढ़ाई का खर्च हो या शादी जैसे बड़े खर्च – लोग अक्सर बैंक या किसी फाइनेंस कंपनी से लोन ले लेते हैं। लेकिन जब आप लोन लेते हैं तो क्या कभी आपने सोचा है कि अगर लोन चुकाने से पहले आपकी मौत हो जाए तो उस लोन का क्या होगा? क्या बैंक आपके परिवार से पैसे वसूलेगा? या क्या आपकी प्रॉपर्टी नीलाम हो जाएगी?

इस सवाल का जवाब जानना बहुत जरूरी है, ताकि आप आज जो फैसला लें वो कल आपके परिवार के लिए सिरदर्द न बन जाए। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि मौत के बाद किस तरह का लोन किसके जिम्मे आता है और किन बातों का आपको पहले से ध्यान रखना चाहिए।

1. क्रेडिट कार्ड लोन – राहत की बात

अगर आपने क्रेडिट कार्ड से लोन लिया है और दुर्भाग्य से आपकी मृत्यु हो जाती है, तो घबराने की जरूरत नहीं। क्रेडिट कार्ड से लिया गया लोन “अनसिक्योर्ड लोन” होता है, यानी इसमें बैंक के पास कोई ज़मानत नहीं होती।

इस स्थिति में आमतौर पर बैंक उस लोन को राइट-ऑफ कर देता है। यानी उसे बकाया समझकर बंद कर दिया जाता है। ऐसे मामलों में परिवार पर किसी तरह का बोझ नहीं आता। लेकिन यह बैंक की नीति पर निर्भर करता है और कुछ केस में वे कानूनी रास्ता भी अपना सकते हैं। फिर भी, आमतौर पर इस तरह के लोन से परिवार को चिंता नहीं करनी पड़ती।

2. पर्सनल लोन – थोड़ा रिस्क जरूर है

पर्सनल लोन भी एक अनसिक्योर्ड लोन होता है, लेकिन इसकी राशि क्रेडिट कार्ड लोन से ज्यादा होती है। यदि पर्सनल लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है, तो बैंक को सीधे तौर पर कोई ज़मानत नहीं होती जिससे वह वसूली कर सके।

लेकिन अगर लोन के समय आपने किसी गारंटर को जोड़ा है, तो बैंक उस गारंटर से पूरा लोन वसूल सकता है। इसलिए अगर आप किसी के लिए गारंटर बन रहे हैं, तो दो बार सोच लें क्योंकि उसके न चुकाने पर यह बोझ आपके कंधों पर आ सकता है।

3. होम लोन – संपत्ति पर हो सकता है असर

होम लोन को “सिक्योर्ड लोन” कहा जाता है क्योंकि इसमें जो घर खरीदा गया है वही बैंक के लिए गिरवी रहता है। अगर आपकी मृत्यु हो जाए और होम लोन बाकी रह जाए, तो बैंक आपकी उस संपत्ति को नीलाम कर सकता है।

अगर घर को को-एप्लिकेंट के साथ खरीदा गया है (जैसे पति-पत्नी), तो उसे लोन चुकाना पड़ेगा। अगर वह नहीं चुका सका, तो बैंक SARFAESI Act के तहत घर की नीलामी कर सकता है।

इसलिए होम लोन लेते वक्त अगर आप चाहते हैं कि आपके परिवार को बाद में दिक्कत न हो, तो लोन इंश्योरेंस जरूर लें।

4. लोन इंश्योरेंस – समझदारी भरा कदम

आजकल लगभग हर बैंक लोन के साथ इंश्योरेंस भी ऑफर करता है। इसका मतलब अगर लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है, तो बीमा कंपनी पूरा बकाया लोन चुका देती है। इससे न बैंक को नुकसान होता है और न ही परिवार पर बोझ पड़ता है।

लोन इंश्योरेंस थोड़ी एक्स्ट्रा कॉस्ट लेकर आता है, लेकिन इसके फायदे बहुत बड़े होते हैं। सोचिए, अगर आप 20 लाख का होम लोन ले रहे हैं और कुछ अनहोनी हो जाए, तो आपकी फैमिली को उस 20 लाख का लोन न चुकाना पड़े – इससे बेहतर क्या हो सकता है?

5. लोन लेने से पहले इन बातों का जरूर रखें ध्यान

जब आप लोन लेने जाएं, तो सिर्फ EMI और ब्याज दर को न देखें। इन बातों पर भी गौर करें:

  • क्या लोन के साथ इंश्योरेंस है या नहीं?
  • क्या आपने गारंटर जोड़ा है? अगर हां, तो क्या वो तैयार है?
  • को-एप्लिकेंट कौन है? क्या वह लोन चुकाने की क्षमता रखता है?
  • लोन सिक्योर्ड है या अनसिक्योर्ड?
  • बैंक की मृत्यु के बाद वसूली की पॉलिसी क्या है?

रियल लाइफ से एक उदाहरण

मेरे जान-पहचान के एक अंकल ने बेटे की शादी के लिए 10 लाख का पर्सनल लोन लिया था। लेकिन कुछ महीनों बाद हार्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने कोई लोन इंश्योरेंस नहीं लिया था और न ही कोई को-एप्लिकेंट था। अब बैंक ने उनके छोटे भाई से, जो गारंटर थे, लोन की पूरी राशि चुकाने को कहा। परिवार को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा।

अगर उस वक्त उन्होंने थोड़ी सतर्कता बरती होती और लोन इंश्योरेंस लिया होता, तो शायद उनके परिवार को ये दिन न देखना पड़ता।

लोन लेना कभी-कभी जरूरी हो जाता है और यह कोई गलत बात नहीं है। लेकिन बिना सोचे-समझे लोन लेना या उससे जुड़ी सुरक्षा पर ध्यान न देना एक बड़ी गलती हो सकती है। अगर आप चाहते हैं कि आपके बाद आपके परिवार को किसी आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े, तो लोन लेते वक्त कुछ बातों पर विशेष ध्यान दें।

  • हमेशा लोन इंश्योरेंस की जानकारी लें और जरूरी हो तो लें।
  • गारंटर बनते समय जिम्मेदारी समझें।
  • को-एप्लिकेंट के लिए जिम्मेदारियां स्पष्ट करें।

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