Darsh Amavasya 2025: दर्श अमावस्या पर पितरों का तर्पण कैसे करें? जानें सही विधि और शुभ मुहूर्त
TV9 Bharatvarsh June 22, 2025 06:42 AM

हिंदू धर्म में आषाढ़ अमावस्या को दर्श अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस अमावस्या का बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है. दर्श अमावस्या को विशेष रूप से पवित्र और पुण्यदायी माना गया है. आषाढ़ अमावस्या को “दर्श” इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस तिथि पर चंद्रमा पूरी तरह अदृश्य हो जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, दर्श अमावस्या पर पितरों के निमित्त तर्पण करने से पितरों को शांति मिलती है, पितृ दोष दूर होता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है. ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि दर्श अमावस्या पर तर्पण कैसे करें.

दर्श अमावस्या 2025 कब है

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या तिथि 24 जून को शाम 6:59 बजे से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 26 जून को शाम 04:00 बजे होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, आषाढ़ अमावस्या 25 जून 2025 (बुधवार) को मनाई जाएगी. इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान करना विशेष महत्वपूर्ण होता है.

पितरों का तर्पण कैसे करें?

दर्श अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान करें. अगर ऐसा संभव न हो, तो घर पर ही जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें.

एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें काले तिल, जौ और गंगाजल मिलाएं. पूजा के लिए कुशा घास रखें. फिर इसे अनामिका (तीसरी उंगली) में अंगूठी की तरह धारण करें या हाथ में पकड़ें.

फिर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठें, क्योंकि दक्षिण दिशा पितरों की दिशा मानी जाती है. इसके बाद अपने आसन को शुद्ध और शांत जगह पर बिछाएं.

हाथ में जल, तिल और कुश लेकर पितरों का स्मरण करते हुए तर्पण का संकल्प लें. फिर जल को अंगूठे और तर्जनी के बीच से धीरे-धीरे धरती पर अर्पित करें.

अगर याद हो तो पितरों का नाम लेकर तीन बार अंजलि दें. अगर नाम याद न हो तो ॐ सर्व पितृ देवाय नमः या समस्त पितृभ्यो नमः, पितृभ्यो तर्पयामि मंत्र का जाप करें.

पितरों का तर्पण करते समय ॐ पितृगणाय विद्महे, जगद्धारिणै धीमहि, तन्नो पितरो प्रचोदयात्। मंत्र का जाप करते रहें.

तर्पण के बाद एक दीपक जलाकर पितरों के नाम से अर्पित करें. फिर सात्विक भोजन बनाएं और उसमें से थोड़ा गाय, कौवे, कुत्ते और चींटियों के लिए अलग निकालें.

पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें और शाम के समय उसके नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. यह पितरों की कृपा प्राप्त करने का विशेष और सबसे सरल उपाय माना जाता है.

(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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