मानसून में बीमारी से बचने के लिए आयुर्वेदिक घरेलू उपाय, रहें स्वस्थ!
Monsoon Health tips: मानसून का मौसम यानी चारों तरफ ठंडक, बारिश और हरियाली। लेकिन इस मौसम के साथ उमस, सर्दी, खांसी और पाचन संबंधी समस्याएं भी आती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, मानसून के दौरान शरीर के तीन दोष- वात, पित्त और कफ असंतुलित हो जाते हैं, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। ऐसे समय में आयुर्वेदिक घरेलू उपाय अपनाकर आप अपने शरीर को स्वस्थ और रोगमुक्त रख सकते हैं।
मानसून के दौरान बीमारियों से बचने का महत्व
मानसून के दौरान वातावरण में नमी बढ़ने के कारण बैक्टीरिया और वायरस आसानी से फैलते हैं। इस मौसम में सर्दी, जुकाम, गले में खराश, पेट की समस्या और त्वचा रोगों का खतरा बढ़ जाता है। आयुर्वेद शरीर के दोषों को संतुलित करके प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करता है। निम्नलिखित घरेलू उपचार आपको मानसून के दौरान स्वस्थ रहने में मदद करेंगे।
1. त्रिफला चूर्ण: पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए रामबाण
त्रिफला एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है जो हरड़, आंवला और बहेड़ा के मिश्रण से बनाई जाती है। यह चूर्ण मानसून के दौरान विशेष रूप से फायदेमंद होता है क्योंकि यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और शरीर को डिटॉक्सीफाई करता है।
त्रिफला चूर्ण के फायदे
पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है: मानसून में नमी के कारण पाचन क्रिया धीमी हो जाती है। त्रिफला पेट की समस्याओं जैसे गैस, अपच और कब्ज से राहत दिलाता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है: यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है और रोगों से लड़ने की ताकत देता है।
आंखों की रोशनी बढ़ाता है: आंवला के गुण आंखों की रोशनी बढ़ाते हैं।
त्वचा संबंधी समस्याओं को कम करता है: मानसून के दौरान फंगल संक्रमण के जोखिम को कम करता है।
का उपयोग कैसे करें
रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर पिएं। अगर आपको इसका स्वाद पसंद न आए तो आप इसमें थोड़ा शहद भी मिला सकते हैं। इसके नियमित सेवन से शरीर डिटॉक्स होता है और पाचन क्रिया मजबूत होती है। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि गर्भवती महिलाएं या किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही त्रिफला का सेवन करना चाहिए।
2. आयुर्वेदिक काढ़ा: सर्दी-खांसी का घरेलू इलाज
मानसून के दौरान सर्दी, खांसी और फ्लू का खतरा बढ़ जाता है। आयुर्वेदिक काढ़ा एक ऐसा घरेलू उपाय है जो शरीर को गर्म रखता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है।
काढ़ा कैसे बनाएं?
सामग्री: 5-6 तुलसी के पत्ते, 2-3 लौंग, 4-5 काली मिर्च, 1 इंच अदरक (कुटा हुआ), 1 छोटी दालचीनी, 1 चम्मच गुड़ (वैकल्पिक)। इन सभी सामग्रियों को 2 कप पानी में डालें और 10-12 मिनट तक उबालें। छान लें और 1 कप गर्म काढ़ा पिएँ।
आयुर्वेदिक काढ़े के फायदे
सर्दी-खांसी से राहत: तुलसी और अदरक गले की खराश और खांसी से तुरंत राहत दिलाते हैं।
प्रतिरक्षा प्रणाली: लौंग और काली मिर्च शरीर को संक्रमण से बचाती हैं।
पाचन में सहायक: अदरक और दालचीनी पाचन तंत्र को सक्रिय रखते हैं।
का उपयोग कैसे करें
इस काढ़े का एक कप प्रतिदिन सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले पियें।
इसमें गुड़ मिलाकर इसे छोटे बच्चों के लिए स्वादिष्ट बनाया जा सकता है।
मानसून के दौरान स्वस्थ रहने के लिए और अधिक सुझाव
हल्का आहार लें: मानसून के दौरान तले हुए और भारी भोजन से बचें। सब्जियाँ, दाल और सूप जैसे हल्के आहार का सेवन करें।
गर्म पानी पिएं: दिनभर गर्म पानी पीने से शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं और संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
स्वच्छता बनाए रखें: मानसून में नमी से त्वचा संबंधी बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। अपने शरीर और कपड़ों को सूखा रखें।
योग और प्राणायाम: भस्त्रिका और अनुलोम-विलोम जैसे प्राणायाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
मानसून में आयुर्वेद का जादू
मानसून का मौसम मन को सुकून तो देता है, लेकिन शरीर पर इसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। त्रिफला और आयुर्वेदिक काढ़े जैसे घरेलू नुस्खों के नियमित इस्तेमाल से आप मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं। इन नुस्खों का कोई साइड इफेक्ट नहीं है और ये शरीर के तीनों दोषों को संतुलित करने में मदद करते हैं। ये नुस्ख़े प्राचीन भारतीय परंपराओं का हिस्सा हैं, जिनका इस्तेमाल पीढ़ियों से होता आ रहा है।