Viechle ईंधन प्रतिबंध: गौतमबुद्धनगर जिले में 1 नवंबर 2025 से दो लाख से अधिक पुराने वाहनों को पेट्रोल और डीजल नहीं मिलेगा। ये वे वाहन हैं जिनकी वैधानिक अवधि पूरी हो चुकी है और जिन्हें अब परिवहन विभाग ने सस्पेंड या निरस्त कर दिया है। इस फैसले का सीधा असर दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने की दिशा में लिया गया कदम माना जा रहा है।
परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, नोएडा में 208856 वाहन ऐसे हैं जो तय समय सीमा के बाद भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इनमें से लगभग 40,000 वाहनों का रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से निरस्त किया जा चुका है। NGT के आदेश के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों का संचालन प्रतिबंधित है।
इनमें से 13417 वाहनों को अन्य जिलों में ट्रांसफर के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) जारी किया गया है। वहीं 17239 वाहनों को कबाड़ घोषित कर दिया गया है। यह प्रक्रिया लगातार जारी है, जिससे पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की संख्या धीरे-धीरे कम की जा सके।
यदि वाहन मालिक अपने पुराने वाहन को किसी अन्य जिले में स्थानांतरित करना चाहते हैं, तो वे www.parivahan.gov.in वेबसाइट पर जाकर NOC के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
ARTO प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा के अनुसार, यूपी के 33 जिले ऐसे हैं जहां पुराने वाहन चल सकते हैं। इनमें इटावा, मैनपुरी, संत कबीर नगर, बलिया, लखीमपुर, कुशीनगर, जौनपुर, गाजीपुर, अमेठी जैसे जिले शामिल हैं। वाहन मालिक NOC के जरिए इन जिलों में वाहन स्थानांतरित कर सकते हैं।
अगर कोई प्रतिबंधित वाहन दिल्ली-एनसीआर में चलते हुए पाया गया, तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस की विशेष टीमें गठित की जा रही हैं। नोएडा में जब्त वाहन सेक्टर-62 में रखे जाते हैं।
सीएक्यूएम (वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) ने निर्देश दिया है कि 1 जुलाई 2025 से दिल्ली में मियाद पूरी कर चुके किसी भी वाहन को ईंधन नहीं मिलेगा।
दिल्ली के 520 पेट्रोल पंपों में से 500 पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरे लगा दिए गए हैं, शेष में 30 जून तक लगाना अनिवार्य है।