ईरान ने अमेरिकी हमले को बताया 'क्रूर', संयुक्त राष्ट्र से कार्रवाई की उठाई मांग
Indias News Hindi June 23, 2025 12:42 AM

तेहरान, 22 जून . ईरान ने अपने न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमलों की कड़ी निंदा की है. ईरान ने इसे ‘क्रूर सैन्य आक्रमण’ करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का घोर उल्लंघन बताया है.

तीन न्यूक्लियर साइट्स फोर्डो, नतांज और इस्फाहान पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद, ईरान ने संयुक्त राष्ट्र और इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है.

अपने आधिकारिक बयान में ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान का विदेश मंत्रालय ईरान के शांतिपूर्ण न्यूक्लियर फैसिलिटी के खिलाफ क्रूर अमेरिकी सैन्य आक्रमण की कड़े शब्दों में निंदा करता है. यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के नियमों के सबसे बुनियादी सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है. यह मंत्रालय इस गंभीर अपराध के अत्यंत खतरनाक प्रभावों और परिणामों के लिए कानून तोड़ने वाली अमेरिकी सरकार को जिम्मेदार ठहराता है.”

ईरान ने आगे दावा किया है कि यह हमला यहूदी शासन की आपराधिक मिलीभगत और सहयोग से किया गया. ईरान ने इजरायल पर व्यापक तनाव बढ़ाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है.

ईरानी सरकार ने कहा कि यह हमले न सिर्फ संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2, पैराग्राफ 4 का उल्लंघन थे, बल्कि सिक्योरिटी काउंसिल के प्रस्ताव 2231 का भी उल्लंघन थे.

ईरान ने इस बात पर जोर दिया कि टारगेटेड न्यूक्लियर फैसिलिटी आईएईए सुरक्षा उपायों के अंतर्गत थी और उद्देश्य में पूरी तरह से शांतिपूर्ण थी.

बयान में आगे कहा गया, “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान अमेरिका की सैन्य आक्रामकता और इस शासन के अपराधों का पूरी ताकत से विरोध करने और ईरान की सुरक्षा व राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के अपने अधिकार को मान्यता देता है.”

ईरान ने इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाने की मांग की है. साथ ही आईएईए के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स से स्थिति पर विचार करने को कहा है.

मंत्रालय ने आईएईए महानिदेशक पर “स्पष्ट पक्षपात” दिखाने का आरोप लगाया है.

बयान के अंत में कहा गया, “अब यह स्पष्ट हो गया है कि एक देश जो खुद को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य मानता है, वह किसी भी नियम या नैतिकता का पालन नहीं करता है. वो नरसंहार और कब्जा करने वाले शासन के हितों को आगे बढ़ाने के लिए किसी भी कानून को तोड़ने या अपराध करने से परहेज नहीं करता है.”

आरएसजी/केआर

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