ओडिशा के पुरी शहर जाने का सपना तो हर किसी के मन में होता है, क्योंकि यहां पर जगन्नाथ मंदिर में भगवान कृष्ण अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम यानी बलभद्र के साथ विराजते हैं और ये जगह चार धामों में में से एक है. वैसे तो जगन्नाथ मंदिर में दर्शन करने हर हमेशा ही लोग यहां आते रहते हैं, लेकिन जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान एक अलग ही माहौल देखने को मिलता है. जब भगवान रथ पर विराजकर निकलते हैं तो नजारा देखने लायक होता है. हर तरफ बस आपको भक्तों की भीड़ नजर आएगी और जयकारे सुनाई देंगे. इस यात्रा में शामिल होने को सौभाग्य समझा जाता है. अगर आप भी 2025 की रथयात्रा में शामिल होने पुरी जा रहे हैं तो यहां की कुछ और जगहों को भी विजिट करना चाहिए. जिससे आपकी ट्रिप और भी शानदार बन जाएगी.
ओडिशा राज्य जगन्नाथपुरी के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है. वहीं यहां पर समंदर से लेकर झील तक बहुत कुछ है, जिसे एक टूरिस्ट को एक्सप्लोर करना चाहिए. ये जगह अपने समृद्ध इतिहास के लिए भी जानी जाती है. तो चलिए इस आर्टिकल के जरिए जान लेते हैं कि आपको जगन्नाथ पुरी में क्या-क्या एक्सप्लोर करना चाहिए.
पुरी बीच जाएंअगर आप जगन्नाथपुरी जा रहे हैं तो घूमने की अपनी बकेट लिस्ट में पुरी बीच को भी शामिल करें. शाम को अगर समंदर के किनारे आप कुछ वक्त बिताएंगे तो थकान मिट जाएगी. खूबसूरत सनसेट का नजारा देख आपका दिल खुश हो जाएगा. इसके अलावा आप यहां एडवेंचर एक्टिविटी भी कर सकते हैं.
जगन्नाथ पुरी जाएं तो भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की लेक यानी चिल्का झील पर विजिट करना चाहिए. यहां की खूबसूरती आपको काफी पसंद आएगी. ये जगह पक्षी अभयारण्य के लिए भी जानी जाती है. यहां पर आपको प्रवासी पक्षी भी देखे को मिल जाएंगे. इसके अलावा डॉल्फिन भी देखने को मिलेंगी साथ ही आप ब्रेकफास्ट द्वीप, हनीमून द्वीप, नलबाना द्वीपों पर बोटिंग कर सकते हैं और प्राकृतिक छटा को निहार सकते हैं.
कोणार्क सूर्य मंदिर का इतिहास काफी पुराना और समृद्ध है. यह मंदिर 7बीं शताब्दी में बना था और अपनी कमाल की जटिल वास्तुकला के लिए जाना जाता है. इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर का दर्जा भी दिया है. माना जाता है कि सूर्यदेव को समर्पित इस मंदिर में पूजा करने से इंसान रोग मुक्त हो जाता है. इस मंदिर को सूर्यदेव के रथ के डिजाइन में बनाया गया है, जिसमें 24 पहिए लगे हैं और सात घोड़े इसे खींचते दिखाई देते हैं.
आप कला में दिलचस्पी रखते हैं तो रघुराजपुर कलाकार गांव जाना चाहिए. ये ओडिशा में एक गांव है, जहां कलाकार आपको पट्टचित्र कला का अभ्यास करते दिख जाएंगे. यह गांव अपनी पारंपरिक पट्टचित्रों के अलावा गोटीपुआ नृत्य के लिए जाना जाता है. ये गांव पुरी की विरासत है.
भुवनेश्वर लिंगराज मंदिरअगर आपके पास टाइम हो तो भुवनेश्वर लिंगराज मंदिर जरूर विजिट करना चाहिए. ये जगन्नाथपुरी से तकरीबन 60 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है और आपको वहां पहुंचने में डेढ़ से दो घंटे का सफर करना पड़ेगा. हालांकि NH16 से जाएंगे तो सफर भी सुहाना रहेगा, क्योंकि इस रास्ते आपको ग्रामीण जीवन की झलक देखने को मिलेगी.