मध्यपूर्व में तनाव बढ़ने से सेंसेक्स और निफ्टी लाल निशान में बंद
Indias News Hindi June 23, 2025 11:42 PM

मुंबई, 23 जून . मध्य पूर्व में तनाव बढ़ने के कारण भारतीय शेयर बाजार ने इस कारोबारी सप्ताह की कमजोर शुरुआत की. अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट्स पर बमबारी की. इस वैश्विक घटनाक्रम ने निवेशकों को सतर्क कर दिया और सोमवार को बेंचमार्क सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई.

सेंसेक्स 511.38 अंक या 0.62 प्रतिशत गिरकर 81,896.79 पर बंद हुआ. इंट्रा-डे के दौरान इंडेक्स 82,169.67 के उच्च और 81,476.76 के निम्न स्तर के बीच कारोबार करता रहा.

इसी तरह निफ्टी भी लाल निशान पर बंद हुआ. इंडेक्स 140.50 अंक या 0.56 प्रतिशत गिरकर 24,971.90 पर बंद हुआ. सत्र के दौरान इंडेक्स ने 25,057 का इंट्रा-उच्च और 24,824.85 का निम्न स्तर छुआ था.

हालांकि, ब्रॉडर मार्केट ने फ्रंटलाइन इंडेक्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.36 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 0.70 प्रतिशत बढ़ा.

सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में से एचसीएल टेक, इंफोसिस, लार्सन एंड टुब्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी टॉप लूजर्स रहे, जिनमें 2.29 प्रतिशत से 1.21 प्रतिशत के बीच गिरावट आई.

दूसरी ओर, ट्रेंट, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक और बजाज फिनसर्व टॉप गेनर्स रहे, जिनमें 3.61 प्रतिशत से 0.58 प्रतिशत के बीच बढ़त दर्ज की गई.

सेक्टोरल इंडेक्स का प्रदर्शन मिला-जुला रहा, क्योंकि बैंक निफ्टी, ऑटो, एफएमसीजी, और रियलिटी लाल निशान पर बंद हुए, जबकि मेटल, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, फार्मा, और मीडिया सेक्टर बढ़त के साथ बंद हुए.

हालांकि, सबसे ज्यादा नुकसान निफ्टी आईटी इंडेक्स को हुआ, जिसमें 1.48 फीसदी की गिरावट आई, क्योंकि कोफोर्ज और पर्सिस्टेंट सिस्टम्स जैसे शेयरों ने इस सेक्टर को नीचे की ओर खींच लिया.

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के विनोद नायर ने कहा, “पिछले शुक्रवार को मध्य पूर्व में तनाव कम होने की उम्मीद में बाजार में तेजी आई, क्योंकि अमेरिका ने इजरायल-ईरान संघर्ष में अपनी भागीदारी पर विचार-विमर्श करने के लिए दो सप्ताह की अवधि की घोषणा की थी.”

उन्होंने कहा, “हालांकि, रविवार को ईरान की परमाणु सुविधाओं पर अप्रत्याशित अमेरिकी हवाई हमले ने उन उम्मीदों को तोड़ दिया, जिससे कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल आया और घरेलू इक्विटी बाजार में कंसोलिडेशन हुआ.”

बाजार का डर मापने वाला सूचकांक इंडिया विक्स, जो अस्थिरता को दर्शाता है, 2.74 फीसदी बढ़कर 14.05 अंक पर पहुंच गया.

कमजोर भू-राजनीतिक सेंटीमेंट के बीच गैप-डाउन ओपनिंग के बाद निफ्टी में सुधार हुआ. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भारतीय बाजार को सुबह के नुकसान को कम करने में मदद मिली, हालांकि यह अभी भी नकारात्मक नोट पर बंद हुआ.

इस बीच, डॉलर इंडेक्स के 99 अंक की ओर बढ़ने के कारण रुपया 0.11 की कमजोरी के साथ 86.75 पर कारोबार कर रहा था.

एलकेपी सिक्योरिटीज के जतिन त्रिवेदी ने कहा, “तकनीकी रूप से, रुपया 86 से नीचे कमजोर बना हुआ है और अगला समर्थन 87 के करीब देखा जा रहा है.”

एसकेटी/

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