8 वां वेतन आयोग:सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा के बाद देश के केंद्र सरकार के करीब 47 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनभोगी उत्सुकता से इसका इंतजार कर रहे हैं। यह आयोग न सिर्फ कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाएगा, बल्कि उनके जीवन स्तर को भी बेहतर बना सकता है।
फिलहाल, वित्त मंत्रालय वेतन आयोग की शर्तें तय करने की तैयारी में है, जिसके बाद आयोग के अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त किए जाएंगे। इस आयोग में लगभग 40 अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर कार्य करेंगे।
फिटमेंट फैक्टर वह गुणक (multiplier) होता है जिससे पुराने वेतन को बढ़ाकर नए वेतन की गणना की जाती है। यह वेतन वृद्धि का मूल आधार होता है। इस बार चर्चाओं में यह फैक्टर 1.90 से 2.86 तक हो सकता है।
अगर फिटमेंट फैक्टर 1.92 तय होता है, तो न्यूनतम मूल वेतन ₹34,560 होगा।
अगर यह 2.86 तक जाता है, तो न्यूनतम सैलरी ₹51,480 हो सकती है।
इसलिए फिटमेंट फैक्टर में थोड़ी सी बढ़ोतरी भी कर्मचारियों की आय में बड़ा फर्क ला सकती है।
6 वें वेतन कमीशन में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, लेकिन कर्मचारियों को 54% तक की सैलरी वृद्धि मिली थी।
7 वां वेतन कमीशन में यह 2.57 था, लेकिन वृद्धि मात्र 14% ही रही।
इससे यह समझ आता है कि केवल फिटमेंट फैक्टर ही वेतन वृद्धि का आधार नहीं है। महंगाई भत्ता, मूल वेतन और अन्य भत्ते भी इसमें बड़ी भूमिका निभाते हैं।
विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांग की है कि फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक रखा जाएजिससे कर्मचारियों को महंगाई और खर्चों के बीच राहत मिले। संगठनों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में वास्तविक राहत तभी मिलेगी जब वेतन में उचित बढ़ोतरी की जाएगी।
हालांकि, सरकार के लिए यह निर्णय लेना आसान नहीं होगा क्योंकि इससे राजकोषीय बोझ बढ़ेगा।
पिछले 7वें वेतन आयोग से सरकार पर ₹1.02 लाख करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ा था। 8वें वेतन आयोग से इससे ज्यादा खर्च होने की संभावना है। इसका असर राज्य सरकारों पर भी पड़ेगा, क्योंकि वे भी आमतौर पर केंद्र के फैसलों को अपनाती हैं।
इससे लाखों कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार जरूर होगा, लेकिन सरकार को राजकोषीय संतुलन भी बनाए रखना होगा।
7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होगा। इसके बाद 8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 से प्रभावी होगा। तब तक आयोग के सदस्य नियुक्त हो जाएंगे और वे सिफारिशों पर काम शुरू करेंगे।
8th Pay Commission सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई उम्मीद है। यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक पहुंचता है, तो यह उनकी सैलरी में दोगुने से ज्यादा इजाफा ला सकता है। हालांकि, अंतिम निर्णय सरकार की वित्तीय स्थिति और आयोग की सिफारिशों पर निर्भर करेगा