वाराणसी, 23 जून (Udaipur Kiran) । मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर सोमवार शाम को वाराणसी पहुंचे। बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अन्तरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर गृहमंत्री का स्वागत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भाजपा काशी क्षेत्र के पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अफसरों ने किया। स्वागत करने वालों में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर, नगर विकास मंत्री एके शर्मा, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य, मंडलायुक्त एस राजलिंगम आदि रहे।
एयरपोर्ट से गृहमंत्री कड़ी सुरक्षा के बीच वाहनों के काफिले में वाराणसी शहर के लिए रवाना हुए। वे बाबा कालभैरव के दर्शन करने के बाद नदेसर स्थित होटल में लौटेंगे। रात्रि विश्राम के बाद गृहमंत्री मंगलवार को मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में भाग लेंगे। बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के डॉ. मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी मौजूद रहेंगे। इस बैठक में सुरक्षा और विकास समेत कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा होगी। बैठक में चारों राज्यों के मुख्य सचिव समेत कई विशिष्टजन और नीति आयोग के साथ अंतरराज्यीय परिषद के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। मध्य क्षेत्रीय परिषद में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्य शामिल हैं। यह बैठक केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन अंतरराज्य परिषद सचिवालय द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित की जा रही है।
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15 से 22 के तहत पांच क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई थी। गृहमंत्री इन पांचों क्षेत्रीय परिषदों के अध्यक्ष हैं और सदस्य राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री/उपराज्यपाल/प्रशासक इनके सदस्य हैं, जिनमें से सदस्य राज्यों से एक राज्य के मुख्यमंत्री (हर साल बारी-बारी से) उपाध्यक्ष होते हैं। प्रत्येक सदस्य राज्य से राज्यपाल द्वारा 2 मंत्रियों को परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया जाता है। प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद ने मुख्य सचिवों के स्तर पर एक स्थायी समिति का भी गठन किया है। राज्यों द्वारा प्रस्तावित मुद्दों को प्रथमतः संबन्धित क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति के समक्ष चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाता है। स्थायी समिति में विचार के बाद शेष बचे मुद्दों को क्षेत्रीय परिषद की बैठक में विचार के लिए प्रस्तुत किया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सर्वांगीण विकास के लिए सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद का लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया है। मजबूत राज्य ही मजबूत राष्ट्र बनाते हैं की भावना से क्षेत्रीय परिषदें दो या अधिक राज्यों अथवा केंद्र और राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर संवाद और चर्चा के लिए एक व्यवस्थित तंत्र और इसके जरिये आपसी सहयोग बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती हैं। क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकारी है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ये परिषदें विभिन्न क्षेत्रों में आपसी समझ और सहयोग के स्वस्थ बंधन को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुई हैं। सभी राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से पिछले 11 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों और इनकी स्थायी समितियों की कुल 61 बैठकें आयोजित हुई हैं।
—————
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी