प्रयागराज, 23 जून (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आत्महत्या के लिए उकसाने को लेकर महोबा के एक मामले में आरोपी कमल भरभुजा की ज़मानत मंजूर कर ली है।
यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने आरोपी की ज़मानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि भले ही आरोपी के मृतका के साथ संबंध थे लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि उसी के उकसाने पर आत्महत्या की गई। कमल भरभुजा व एक अन्य के खिलाफ हत्या के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोप था कि उसने एक महिला की हत्या की है।
बाद में विवेचना में पाया गया कि मामला आत्महत्या का है। विवेचना में यह सामने आया कि कमल का मृतका के साथ अवैध संबंध था और वह लगातार उस पर शादी करने का दबाव डाल रहा था, जिसके कारण महिला ने आत्महत्या कर ली। इसके बाद पुलिस ने मामले को आत्महत्या के लिए उकसाने और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत तरमीम किया।
ट्रायल कोर्ट से जमानत अर्जी रद्द किए जाने के खिलाफ आरोपित ने अपील दाखिल की थी। आरोपित के वकील ने दलील दी कि आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप पूरी तरह झूठा है। भले ही इसे मान भी लिया जाए तो भी यह नहीं कहा जा सकता कि अपीलार्थी के उकसाने के कारण महिला ने आत्महत्या की। यह भी कहा कि अपीलार्थी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह विगत एक जनवरी से जेल में है। कोर्ट ने कहा कि केवल अवैध संबंध होना इस बात का पुख्ता प्रमाण नहीं है कि आत्महत्या उकसाने के कारण की गई थी।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे