15 दिन का समय दिया गया, लेकिन सर्टिफिकेट नहीं बन पाए
हरियाणा में सीईटी रजिस्ट्रेशन का मामला अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच गया है। छह अभ्यर्थियों ने याचिका दायर कर सीईटी रजिस्ट्रेशन को फिर से शुरू करने की मांग की है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए केवल 15 दिन का समय दिया गया था, जो कि अपर्याप्त था। इस दौरान एससी/एसटी सर्टिफिकेट नहीं बन पाने के कारण उन्हें मजबूरन अनारक्षित श्रेणी में पंजीकरण कराना पड़ा। याचिका में अनुरोध किया गया है कि पोर्टल को फिर से खोला जाए ताकि जो लोग पहले से रजिस्ट्रेशन कर चुके हैं, उन्हें सुधार का अवसर मिल सके।
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि 2022 में पंजीकरण की प्रक्रिया एक साल से अधिक समय तक चलती रही थी। याचिकाकर्ता तन्नु ने बताया कि वह वन टाइम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर पंजीकरण करने का प्रयास कर रही थीं, लेकिन बार-बार ओटीपी आने में देरी के कारण वह सफल नहीं हो पाईं। याचिका में यह भी कहा गया है कि आरक्षण का लाभ तभी मिल सकता है जब उनके पंजीकरण में सुधार हो। इसलिए, नए पंजीकरण और सुधार के लिए पोर्टल को फिर से खोलने की आवश्यकता है।
इसके अतिरिक्त, याचिका में यह भी मांग की गई है कि ग्रुप सी का सीईटी पेपर एक ही शिफ्ट में आयोजित किया जाए, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मेडिकल साइंस और अन्य के लिए नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन ने किया था। याचिकाकर्ता के वकील चरणजीत सिंह ने इसकी पुष्टि की है कि याचिका दायर की जा चुकी है और अब इसकी सुनवाई नियमित बेंच के समक्ष होगी।