क्या आप भी कम जोखिम में ज्यादा रिटर्न चाहते हैं? जानें म्यूचुअल फंड्स TREPS से कैसे बढ़ाते हैं रिटर्न; हर निवेशक के लिए जरूरी जानकारी!

क्या म्यूचुअल फंड्स को ज्यादा रिटर्न और कम जोखिम का फॉर्मूला मिल सकता है? हां! और इसके लिए वे TREPS नामक एक स्मार्ट टूल का इस्तेमाल करते हैं. ये टूल उन्हें न सिर्फ अपनी तरलता (liquidity) को आसानी से मैनेज करने में मदद करता है, बल्कि रिटर्न भी बढ़ाता है और पोर्टफोलियो को भी मजबूत बनाता है. TREPS की मदद से म्यूचुअल फंड्स सरकार की सिक्योरिटीज़ का सहारा लेते हुए शॉर्ट-टर्म में फंड्स खरीदने और बेचने का काम कर सकते हैं. तो चलिए, जानते हैं कि TREPS कैसे काम करता है और ये क्यों म्यूचुअल फंड्स के लिए एक शानदार टूल है!
TREPS क्या है?
TREPS यानी 'ट्रेजरी बिल्स रीपरचेज' एक शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट का तरीका है, जो निवेशकों को इस्तेमाल ना होने वाले पैसों से रिटर्न कमाना में मदद करता है. इसे खासतौर पर बैंक, फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन और म्यूचुअल फंड्स इस्तेमाल करते हैं, ताकि वो अपनी कमाई को बढ़ा सकें. TREPS में एक पार्टी ट्रेजरी बिल्स को दूसरी पार्टी को बेचती है और फिर एक तय तारीख और कीमत पर इन्हें वापस खरीदने का समझौता करती है. ये लेन-देन सरकार की सिक्योरिटी से सुरक्षित होता है, इसलिए इसमें जोखिम कम होता है.
मान लीजिए, किसी म्यूचुअल फंड के पास ज्यादा पैसा पड़ा है और वो उसे ऐसा निवेश करना चाहता है जिसमें लिक्विडिटी बनी रहे. तब वो उस पैसे को TREPS के जरिए निवेश कर सकता है. इस तरीके से म्यूचुअल फंड को बिना पैसा जमा किए ही ब्याज मिल जाता है और उसकी लिक्विडिटी भी बनी रहती है.
म्यूचुअल फंड्स में TREPS कैसे काम करता है?
मान लीजिए, किसी म्यूचुअल फंड को अचानक बड़े अमाउंट की जरूरत पड़ गई, जैसे कि कस्टमर्स के द्वारा पैसे निकालने के कारण. ऐसे में वह TREPS का इस्तेमाल कर सकता है. इससे उसे अपनी लंबी अवधि के इन्वेस्टमेंट्स को नुकसान में बेचने की जरूरत नहीं होती. TREPS सरकारी सिक्योरिटीज पर बेस्ड होते हैं, इसलिए ये काफी सुरक्षित माने जाते हैं.
TREPS के प्रमुख फायदे
TREPS म्यूचुअल फंड्स के लिए एक शानदार तरीका है, जो उन्हें सेफ्टी, लिक्विडिटी और बेहतर रिटर्न्स का अच्छा संतुलन देता है. आइए इसके कुछ प्रमुख फायदे जानते हैं-
- निवेशकों के लिए ज्यादा रिटर्न्स : जब बाजार में ब्याज दरें बढ़ी होती हैं, तो TREPS के जरिए म्यूचुअल फंड्स अपनी खाली पड़ी नकदी से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इसमें वह उस फंड का इस्तेमाल करते हैं, जिसे वह उस समय शेयर मार्केट में निवेश नहीं करना चाहते हैं.
- नियमों का पालन : SEBI ने यह नियम बनाया है कि म्यूचुअल फंड्स को अपनी लिक्विड एसेट का एक हिस्सा TREPS में निवेश करना होगा. इससे निवेशकों को यह भरोसा मिलता है कि उनके पैसे सुरक्षित हैं और सभी नियमों का पालन हो रहा है.
- फास्ट लिक्विडिटी : TREPS की सबसे अच्छी बात यह है कि म्यूचुअल फंड्स को जल्दी से पैसा मिल जाता है. जब किसी को पैसे की जरूरत होती है, तो TREPS से वे जल्दी नकदी ले सकते हैं.
- डायवर्सिफिकेशन : म्यूचुअल फंड्स के पोर्टफोलियो को अलग-अलग प्रकार के निवेशों में बांटना जरूरी है, ताकि जोखिम कम हो. TREPS इस डायवर्सिफिकेशन में मदद करता है और म्यूचुअल फंड्स को बाजार की उतार-चढ़ाव से बचाता है.
TREPS म्यूचुअल फंड्स के लिए एक बेहतरीन तरीका है, जो उन्हें ज्यादा रिटर्न्स, सुरक्षित पोर्टफोलियो और पैसे की सुरक्षा देता है.