News India live, Digital Desk: Bihar: कल्पना कीजिए कि आपके गांव से शहर जाने का एकमात्र रास्ता एक उफनती हुई नदी हो, और आपका हर सफर नाव पर जान हथेली पर रखकर तय होता हो। बरसात में तो मानो दुनिया से संपर्क ही कट जाए। बिहार के मधुबनी जिले के करीब दो दर्जन गांवों के लोग दशकों से यही जिंदगी जी रहे थे। लेकिन अब उनका यह बरसों पुराना इंतजार और संघर्ष खत्म होने वाला है।
केंद्र सरकार ने इन गांवों के लिए एक ऐसी बड़ी खुशखबरी दी है, जो उनकी आने वाली पीढ़ियों की तकदीर बदल देगी। सरकार ने कोसी नदी पर मटिहानी घाट और परियाही घाट को जोड़ने वाले एक विशाल पुल के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस सपने को साकार करने के लिए 268 करोड़ रुपये का बजट भी पास हो गया है।
नाव का नहीं, अब होगा गाड़ियों का सफर
अब तक इन 24 गांवों के लोगों को हर छोटे-बड़े काम के लिए खतरनाक नाव यात्रा करनी पड़ती थी। बच्चों को स्कूल भेजना हो, मरीज को अस्पताल ले जाना हो या फिर फसल को बाजार तक पहुंचाना हो, हर काम में एक अनजाना डर लगा रहता था। कई बार हादसे भी हुए।
लेकिन इस पुल के बन जाने के बाद यह सब बदल जाएगा। यह सिर्फ सीमेंट और सरिये का ढांचा नहीं, बल्कि इन गांवों के लिए ‘विकास की जीवन रेखा’ होगा।
आसान होगी आवाजाही: लोग 24 घंटे, सातों दिन, किसी भी मौसम में सुरक्षित रूप से नदी पार कर सकेंगे।
बढ़ेगा व्यापार: किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए अपनी उपज और सामान को शहर तक ले जाना आसान होगा।
बेहतर होगी स्वास्थ्य और शिक्षा: बच्चों को अच्छी शिक्षा और बीमारों को समय पर इलाज मिल सकेगा।
बचेगा समय और पैसा: घंटों का खतरनाक सफर मिनटों में तय होगा।
झंझारपुर के सांसद रामप्रीत मंडल ने इस मंजूरी की घोषणा करते हुए कहा कि यह क्षेत्र की एक बहुत पुरानी मांग थी, जिसके लिए वे लगातार प्रयास कर रहे थे। वाकई, यह पुल इन गांवों के लिए सिर्फ एक रास्ता नहीं, बल्कि उम्मीदों और सपनों को जोड़ने वाला एक सुनहरा माध्यम बनेगा।
AI Hallucination : ChatGPT की लत के 5 संकेत कहीं AI आपके दिमाग पर हावी तो नहीं हो रहा