1983 से 400 गुना बढ़ गई है भारतीय खिलाड़ियों की मैच फीस, पहला वर्ल्ड कप जीतने वाले क्रिकेटरों की इतनी मिलती थी सैलरी
TV9 Bharatvarsh June 25, 2025 11:42 AM

25 जून का दिन भारतीय क्रिकेट के लिए बेहद खास दिन है. इसी दिन भारत ने एक नया इतिहास रचते हुए दुनिया को पूरी तरह से चौंका दिया था. 25 जून 1983 को लॉर्ड्स के मैदान में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को हराकर वनडे वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था. कपिल देव की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने आज के ही दिन 40 साल पहले दो बार की वर्ल्ड चैंपियन वेस्टइंडीज को हराकर इंग्लैंड में तिरंगा फहराया था. इससे पहले वेस्टइंडीज की टीम लगातार दो बार वर्ल्ड कप का खिताब जीत चुकी थी, लेकिन तीसरी बार कैरेबियाई टीम भारतीय चुनौती से पार नहीं पा सकी. इस दौरान भारतीय टीम को जो सैलरी मिलती थी, उसे जानकर सभी लोग चौंक जाएंगे. इस समय एक क्रिकेटर को खेलने के लिए जो मैच फीस मिलती थी, उससे 400 गुना कम मैच फीस कपिल देव और उनकी टीम को मिली थी.

क्या थी भारतीय खिलाड़ियों की मैच फीस?

1983 में भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाली भारतीय टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को एक मैच खेलने के लिए केवल 1500 रुपये मिलते थे. इसके अलावा उन्हें 200 रुपये रोज का अलाउंस मिलता था. जबकि इस समय एक वनडे मैच खेलने के लिए एक क्रिकेटर को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) 6 लाख रुपये देती है, जबकि उनकी सैलरी अलग होती है. इसके बावजूद कपिल देव की अगुवाई में भारतीय टीम ने इंग्लिश धरती पर इतिहास रच दिया था.

लॉर्ड्स में रचा था इतिहास

भारतीय टीम जब 1983 का वर्ल्ड कप खेलने इंग्लैंड गई थी तो किसी को विश्वास नहीं था कि टीम इंडिया इस बार वर्ल्ड चैंपियन बनकर लौटेगी. सभी ये मानते थे कि टीम इंग्लैंड में छुट्टियां मनाने गई है, लेकिन कपिल देव की अगुवाई में टीम ने जिस तरह से वहां पर प्रदर्शन किया, उससे देखकर सभी लोग चौंक गए. BCCI ने सोशल मीडिया पर 1983 की तस्वीर शेयर की है.

🗓️ #OnThisDay in 1983

A historic day & a landmark moment for Indian cricket 🙌🏻#TeamIndia, led by @therealkapildev, clinched the World Cup title. 🏆👏🏻 pic.twitter.com/MQrBU4oUF1

— BCCI (@BCCI)

भारतीय गेंदबाजों ने दिखाया था दम

लॉर्ड्स के मैदान में खेले गए खिताबी मुकाबले में भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए मात्र 183 रन पर ढेर हो गई थी, लेकिन इसके बाद मदन लाल, मोहिंदर अमरनाथ और बलविंदर संधू ने कमाल की गेंदबाजी करते हुए टीम इंडिया को पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बना दिया. मदन लाल और मोहिंदर अमरनाथ ने तीन-तीन विकेट हासिल किए थे. वहीं बलविंदर संधू ने दो विकेट चटकाए थे.

इसके अलावा कपिल देव और रोजर बिन्नी को एक-एक विकेट मिला था. सबसे अहम विकेट मदन लाल ने ही निकाला था. उन्होंने महान बल्लेाज विवियन रिचर्ड्स को आउट कर मैच में टीम इंडिया की वापसी कराई थी. भारत के 183 के जवाब में वेस्टइंडीज की पूरी टीम 140 पर ही सिमट गई थी.

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