गांव के बाहर स्थित एक पुराने, बंद पड़े कुएं ने मंगलवार दोपहर को बड़ा हादसा होते-होते टाल दिया। एक ही परिवार के चार युवक जब खेत पर पहुंचे, तो उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि वहां खड़ा प्राचीन कुआं उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। यह घटना करीब दोपहर 12 बजे की है, जब चारों युवक खेत पर स्थित एक पीपल के पेड़ के नीचे बैठे थे, जिसके पास ही यह वर्षों पुराना कुआं स्थित है।
बरसों से बंद पड़ा है कुआंग्रामीणों के अनुसार, यह कुआं कई वर्षों से बंद पड़ा हुआ है, जिसका उपयोग अब नहीं किया जाता। स्थानीय खेत स्वामी कुएं को अनुपयोगी मानते हुए उसमें खरपतवार और खेतों की घास-कचरा डालते आ रहे थे। लंबे समय से इसकी कोई देखरेख नहीं की जा रही थी।
बारिश बनी हादसे की वजहहाल ही में हुई लगातार बारिश के कारण कुएं में पानी भर गया था। इस पानी और सड़ते कचरे की वजह से कुएं के भीतर ज़हरीली मीथेन गैस (Methane Gas) बन गई। विशेषज्ञों का मानना है कि मीथेन गैस बिना गंध के होती है और भारी मात्रा में जमा होने पर यह बेहद जानलेवा हो सकती है।
युवक जैसे ही कुएं के पास पहुंचे, गैस का असर शुरूचारों युवक जैसे ही कुएं के पास पहुंचे, उन्हें सांस लेने में तकलीफ और चक्कर आने लगे। एक युवक की हालत अधिक बिगड़ने लगी, जिसे देखकर बाकी तीनों ने तुरंत शोर मचाया। खेत में काम कर रहे अन्य मजदूरों ने समय रहते उन्हें वहां से हटाया और स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया।
डॉक्टरों ने मीथेन गैस की आशंका जताईअस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि युवकों के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा तेजी से गिर गई थी, जो मीथेन जैसे ज़हरीली गैस के संपर्क में आने का संकेत देता है। चिकित्सकों ने समय पर प्राथमिक इलाज मिलने को युवकों की जान बचने की बड़ी वजह बताया।
प्रशासन ने कुएं को सील करने का आदेश दियाघटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। राजस्व व पंचायत विभाग को तत्काल प्रभाव से कुएं को पूरी तरह बंद और सील करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही ग्रामीणों को भी चेतावनी दी गई है कि वे किसी भी बंद कुएं या तालाब के पास कचरा न डालें और सावधानी बरतें।