डेंगू के लक्षण: हर साल भारत में डेंगू के कई मामले सामने आते हैं। यह एक वायरल बीमारी है, जो मच्छरों के काटने से फैलती है। प्रारंभिक लक्षण अक्सर हल्के होते हैं, जैसे सामान्य बुखार। यदि समय पर इनकी पहचान नहीं की जाती है, तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है। वर्तमान में, देश में डेंगू के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। हाल ही में लुधियाना में डेंगू के मरीजों की पहचान की गई है। चरखी दादरी जिले में भी डेंगू के मामलों की पुष्टि हुई है। देहरादून में पिछले 50 दिनों में 112 डेंगू के केस दर्ज किए गए हैं, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है।
मानसून के दौरान मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बारिश के कारण मच्छरों के प्रजनन की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। ये मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, जो अक्सर लोगों के घरों के आसपास जमा होता है। डेंगू का फैलाव साफ-सफाई से जुड़ा होता है। यदि सफाई का ध्यान नहीं रखा गया, तो संक्रमण फैल सकता है।
डेंगू एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है। ये मच्छर जीका और चिकनगुनिया वायरस का भी कारण बनते हैं। संक्रमण तब होता है जब संक्रमित मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है। यदि वह मच्छर किसी अन्य व्यक्ति को काटता है, तो वह भी संक्रमित हो जाता है।
रांची के सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. अनुज कुमार के अनुसार, डेंगू के मामलों को नियंत्रित करने के लिए कुछ सावधानियों का पालन करना आवश्यक है।
डेंगू में पपीते का सेवन फायदेमंद माना जाता है। हालांकि, कई अध्ययनों में इस फल को उपयोगी साबित किया गया है, लेकिन इसकी प्रामाणिकता अभी तक पूरी तरह से स्थापित नहीं हुई है। बुखार होने पर पपीता और पपीते के पत्ते का जूस पीने की सलाह दी जाती है। खान-पान का ध्यान रखें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। यदि डेंगू में प्लेटलेट काउंट तेजी से घटता है और बाहरी रक्तस्राव के लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।