क्या होती है DASH डाइट, बीपी कंट्रोल में है बेस्ट, जानें पूरा प्लान
TV9 Bharatvarsh June 25, 2025 06:42 PM

DASH यानी Dietary Approaches to Stop Hypertension डाइट कोई नया ट्रेंड नहीं, बल्कि यह दशकों से डॉक्टरों और हार्ट एक्सपर्ट्स की पहली पसंद रही है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी जैसी संस्थाएं भी इस डाइट को हाई ब्लड प्रेशर कंट्रोल के लिए सबसे सुरक्षित और असरदार मान चुकी हैं. खास बात यह है कि यह डाइट केवल बीपी ही नहीं, बल्कि दिल की बीमारियों, स्ट्रोक, टाइप 2 डायबिटीज, किडनी फेलियर और यहां तक कि मेमोरी लॉस जैसे खतरे को भी कम करती है.

तनाव, प्रोसेस्ड फूड्स और बढ़ता नमक का सेवन… ये सभी आदतें आज हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन को आम बना रही हैं. लेकिन अगर आप DASH लेते हैं तो ये आपकी इस समस्या को कम करने में मदद करेगी. इस डाइट की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें किसी एक चीज को पूरी तरह बंद नहीं किया जाता, बल्कि उन्हें बैलेंस किया जाता है. तो चलिए जानते हैं कि इस डाइट में क्या और कितना खाना चाहिए और इसे कैसे शुरू करें ?

क्या है DASH डाइट?

DASH डाइट को अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी जैसे संस्थानों ने सबसे असरदार माना है. इसमें ऐसी चीजें शामिल होती हैं, जो शरीर में नमक (सोडियम), सैचुरेटेड फैट और शुगर की मात्रा को कंट्रोल रखती हैं.

DASH डाइट में क्या-क्या खाना चाहिए?

1. साबुत अनाज (6 से 8 बार रोज)- आपकी थाली में रोजाना 6 से 8 बार साबुत अनाज शामिल होना चाहिए. इसमें गेहूं की ब्रेड, ब्राउन राइस, ओट्स या दलिया जैसे ऑप्शन आते हैं. ये अनाज फाइबर से भरपूर होते हैं और लंबे समय तक पेट भरा रखते हैं.

2. फल और सब्ज़ियां (4 से 5 बार) – हर दिन अलग-अलग रंगों के ताजे फल और हरी पत्तेदार सब्जियां खानी चाहिए. ये शरीर को जरूरी विटामिन और मिनरल्स देते हैं और बीपी कंट्रोल में मदद करते हैं.

3. लो-फैट दूध और दही (2 से 3 बार)- दूध और दही से कैल्शियम मिलता है, जो हड्डियों और दिल के लिए फायदेमंद होता है. लेकिन ध्यान रखें कि ये लो-फैट या टोंड हो, ताकि फैट की मात्रा ज्यादा न हो.

4. हेल्दी फैट (2 से 3 बार)- तेल पूरी तरह न हटाएं, लेकिन इसकी क्वांटिटी कम कर दें. जैसे हर दिन करीब 2 से 3 चम्मच हेल्दी तेल जैसे सरसों, मूंगफली या जैतून का तेल इस्तेमाल करें.

5. नट्स और बीज (हफ्ते में 4 से 5 बार)- बादाम, अखरोट, अलसी, सूरजमुखी के बीज जैसे ऑप्शन हफ्ते में कुछ दिन जरूर लें. ये गुड फैट्स और ओमेगा-3 से भरपूर होते हैं.

6. मीठा बहुत कम (हफ्ते में 5 बार से कम)- चीनी, मिठाई, केक, पेस्ट्री या शरबत जैसी चीज़ें हफ्ते में 4-5 बार से ज्यादा न खाएं. ये बीपी और मोटापे को बढ़ा सकते हैं.

क्या कहती है रिचर्स?

रिसर्च के मुताबिक, 24 से भी ज्यादा क्लीनिकल ट्रायल्स में यह साबित हो चुका है कि DASH डाइट ब्लड प्रेशर को कम करने में बेहद प्रभावी है. रिसर्च यह भी बताती है कि वेजिटेरियन डाइट, लो-कार्बोहाइड्रेट डाइट और मेडिटेरेनियन डाइट भी बीपी को घटाने में मदद कर सकती हैं, लेकिन इनमें से सबसे मजबूत और भरोसेमंद वैज्ञानिक सबूत DASH डाइट को लेकर ही मिले हैं. यही वजह है कि अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी ने भी अपनी गाइडलाइंस में DASH डाइट को खासतौर पर रिकमेंड किया है.

सोया चाप या पनीर टिक्का कौन है ज्यादा हेल्दी?

100 ग्राम सर्विंग सोया चाप पनीर टिक्का
कैलोरी 120-150 200-250
कार्ब्स 14-16 ग्राम 18 ग्राम
फैट 6-8 ग्राम 15-20 ग्राम
कैल्शियम 200-250 मिग्रा 300-400 मिग्रा

कौन है ज्यादा बेहतर ऑप्शन?

सोया चाप प्लांट-बेस्ड प्रोटीन है, जिसमें फैट कम होता है. ये खासकर वेगन और हार्ट पेशेंट्स के लिए सुटेबल है. हालांकि अगर इसमें क्रीम, मेयो या मसालेदार ग्रेवी डाली जाए तो हेल्थ पर नेगेटिव असर पड़ सकता है. वहीं, पनीर टिक्का में प्रोटीन ज्यादा होता है लेकिन फैट और कैलोरी भी काफी होती है. ये उन लोगों के लिए ठीक है जिन्हें ज्यादा एनर्जी चाहिए, लेकिन हार्ट पेशेंट्स को सावधानी बरतनी चाहिए. अगर आप लो फैट, वेगन और हेल्दी हार्ट ऑप्शन चाहते हैं तो सोया चाप बेहतर है. अगर आपको ज्यादा प्रोटीन की जरूरत है तो पनीर टिक्का भी ठीक है. लेकिन दोनों ही स्नैक्स ग्रिल या तंदूर में बनें होने चाहिए, डीप फ्राई या मलाई में डूबे न हों.

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