उत्तर प्रदेश के इटावा में यादव कथावाचकों के साथ अमानवीय व्यवहार और मारपीट के मामले में चार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब यह मामला और ज्यादा पेचीदा होता नजर आ रहा है. मंगलवार को ब्राह्मण महासभा ने दोनों कथावाचकों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्हें भी आरोपी बनाने की मांग की. दरअसल आरोप है कि कथावाचकों ने महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया था. हालांकि कोई लिखित तहरीर इस मामले में नहीं दी गई है.
महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण दुबे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार श्रीवास्तव से मुलाकात कर कथावाचकों और उनके सहयोगियों के खिलाफ शिकायत सौंपी. महासभा का आरोप है कि कथावाचकों ने अपनी जाति छुपाई, धार्मिक भावना भड़काई और महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया. संगठन ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही उचित कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा.
कथावाचकों पर गंभीर आरोप लगाएइस बीच समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य ने ब्राह्मण महासभा के आरोपों को गलत बताया. उन्होंने कहा कि अगर कथावाचकों के खिलाफ पहले से कोई आपत्ति थी तो पहले शिकायत क्यों नहीं की गई. उन्होंने कहा कि अगर कथावाचकों पर गलत तरीके से कोई कार्रवाई की गई, तो सपा भी आंदोलन के लिए मजबूर होगी. पीड़ित महिला रेनू तिवारी ने भी एसएसपी से मिलकर कथावाचकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
आधार कार्ड से पता चली जातिमहिला का कहना है कि कथावाचक ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया और उनके झोले से बरामद आधार कार्ड में अग्निहोत्री लिखा पाया गया. ऐसे उनकी जाति पर शक हुआ. महिला ने यह भी आरोप लगाया कि कथावाचक की ओर से उनकी कथा को जानबूझकर खराब किया गया. आरोपी युवक मनु के चाचा सोनू तिवारी ने आरोप लगाया कि कथावाचकों ने न सिर्फ जाति छुपाई. बल्कि जानबूझकर गांव के लोगों को भ्रमित किया.
लिखित तहरीर नहीं दी गईउन्होंने कहा कि कथावाचकों में से एक की बहन गांव के पास ही रहती है, जिससे जानकारी मिलने के बाद ही सच्चाई सामने आई. इटावा के एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बकेवर केस को लेकर कुछ लोगों ने मुलाकात की है. उनकी बात सुनी गई है, लेकिन अब तक कोई लिखित तहरीर नहीं मिली है. पुलिस निष्पक्ष जांच कर रही है और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
अब इस नए नए विवाद के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी हैं. महिलाओं के साथ अभद्र व्यव्हार की बात सुनकर लोगों ने कहा कि ऐसे कथावाचकों के साथ ऐसा ही होना चाहिए बिल्कुल ठीक किया.