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मानसून का मौसम गर्मी की तपती धूप से राहत दिलाता है। ठंडी हवा और बारिश से शरीर को ताजगी मिलती है, लेकिन इस दौरान नमी और पानी के दूषित होने से हमारा शरीर संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है, खासकर पाचन तंत्र से जुड़े संक्रमणों के प्रति। इसलिए सही तरह का खाना खाना ज़रूरी है, जो न सिर्फ़ आपकी भूख मिटाए बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और पेट की सेहत को बेहतर बनाने में भी मदद करे।
यहाँ पाँच खाद्य पदार्थ दिए गए हैं, जिन्हें आपको अपने मानसून के आहार में ज़रूर शामिल करना चाहिए, ताकि आप स्वस्थ और तंदुरुस्त रह सकें:
मौसमी फल
सेब, पपीता, अनार, नाशपाती और केले जैसे मौसमी फलों में ज़रूरी विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर होते हैं। ये फल पाचन को बेहतर बनाने, आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करने और संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
चूँकि इनमें पानी की मात्रा कम होती है, इसलिए इनमें पानी में मौजूद कीटाणुओं के होने की संभावना कम होती है, जिससे ये खाने के लिए सुरक्षित और फ़ायदेमंद होते हैं।
सब्जियाँ
लौकी, करेला, तोरी और लौकी जैसी सब्जियाँ पाचन के लिए बहुत अच्छी होती हैं और मानसून के मौसम में आम तौर पर उपलब्ध होती हैं। ये सब्जियाँ पेट के लिए हल्की होती हैं और पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं।
आप भिंडी, बीन्स और टमाटर जैसी सब्जियाँ भी शामिल कर सकते हैं। संदूषण से बचने के लिए सभी सब्जियाँ अच्छी तरह से धोकर पकाएँ।
सूप
सब्जियों या चिकन से बने गर्म सूप मानसून के मौसम में आरामदायक और सेहतमंद दोनों होते हैं। सूप पचाने में आसान होते हैं, आपके शरीर को हाइड्रेट करते हैं और नम मौसम में गर्मी प्रदान करते हैं।
सूखे मेवे और मेवे
बादाम, अखरोट, खजूर और काजू जैसे सूखे मेवे और मेवे ऊर्जा और पोषण के बेहतरीन स्रोत हैं। वे खनिजों और विटामिनों से भरपूर होते हैं जो आपके समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं और आम संक्रमणों के खिलाफ़ प्रतिरोधक क्षमता बनाने में मदद करते हैं।
उन्हें स्टोर करना और ले जाना भी आसान है, जो उन्हें मानसून के लिए एक आदर्श नाश्ता बनाता है।
प्रोबायोटिक्स
दही, छाछ और बादाम के दूध जैसे पौधे आधारित दूध में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो अच्छे आंत स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं। ये खाद्य पदार्थ पाचन में सहायता करते हैं, सूजन को रोकते हैं और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।
बरसात के मौसम में अपने आहार में प्रोबायोटिक्स को शामिल करने से पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर रखने में मदद मिलती है।