भारत के बासमती चावल की वैश्विक बाजार में धूम, निर्यात में 1,923 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड वृद्धि

वैश्विक स्तर पर मिडिल ईस्ट में अस्थिरता और ईरान-इजरायल टेंशन के बाद भी भारत के बासमती चावल निर्यात ने वित्त वर्ष 2024-25 में शानदार प्रदर्शन किया है. वाणिज्यिक जानकारी एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (DGCIS) के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने इस वित्त वर्ष में बासमती चावल निर्यात में 1,923 करोड़ रुपये की ग्रोथ हासिल की. जो न केवल निर्यात क्षेत्र बल्कि भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए भी एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है.
बासमती चावल निर्यात के आंकड़े डीजीसीआईएस के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 में दुनिया भर में भारत के बासमती चावल की डिमांड में भारी वृद्धि दर्ज हुई है. इस दौरान भारत ने 50,312 करोड़ रुपये यानि लगभग 5.87 अरब डॉलर मूल्य के बासमती चावल का निर्यात किया. यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के 48,389 करोड़ रुपये 5.74 अरब डॉलर की तुलना में 3.97% ज्यादा है. पिछले वर्ष 52.42 लाख मीट्रिक टन बासमती चावल का निर्यात हुआ था. जिसमें इस साल 15.7% का उछाल आया है. जो 60.65 लाख मीट्रिक टन रिकॉर्ड हुआ. मिडिल ईस्ट और वेस्ट एशिया में मजबूत डिमांड के कारण यह ग्रोथ हुई है.
ये है भारत के बासमती चावल का सबसे बड़ा खरीदार सऊदी अरब भारत के बासमती चावल का मूल्य के आधार पर सबसे बड़ा आयातक देश रहा. जिसने 10,190.73 करोड़ रुपये वैल्यू के बासमती चावल खरीदे. इसके अलावा इराक ने 7,201 करोड़ रुपये, ईरान ने 6,374 करोड़ रुपये, संयुक्त अरब अमीरात ने 3,089 करोड़ रुपये, यमन ने 3,038.56 करोड़ रुपये, और अमेरिका ने 2,849 करोड़ रुपये वैल्यू के बासमती चावल खरीदे. भारत के बासमती चावल के अन्य प्रमुख आयातक देशों में यूनाइटेड किंगडम , कुवैत , ओमान और कतर आदि शामिल हैं.
ईरान-इजरायल टेंशन का कितना हुआ असर ईरान-इजरायल टेंशन के कारण वैश्विक व्यापार पर भारी प्रभाव हुआ. इससे बासमती चावल का निर्यात भी अछूता नहीं रहा. कुछ हफ्तों तक शिपमेंट में रुकावट बनी रही. भारत के गुजरात के कांडला और मुंद्रा बंदरगाहों पर शिपमेंट अटका रहा. शिपिंग बीमा की कमी और समुद्री मार्गों में रुकावट ने निर्यातकों को नुकसान पहुंचाया.
कीमतों में भी कमी दर्ज हुई. लगातार बढ़ती डिमांड और भारत सरकार के प्रयासों ने निर्यात को बढ़ावा दिया. ईरान-इजरायल टेंशन के कारण निर्यात में कमी आई थी, लेकिन स्थिति सामान्य होने और सीजफायर की घोषणा के बाद फिर से निर्यात शुरू हो गया है.
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत से बासमती चावल के आयातक देशों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 150 देशों को बासमती चावल का निर्यात किया था, इस वित्त वर्ष में 154 देशों को निर्यात किया गया.