हरियाणा वर्षा अलर्ट: मानसून टर्फ की उत्तरी सीमा अब बाड़मेर, जोधपुर, जयपुर, आगरा, रामपुर, बिजनौर, करनाल से होती हुई बंगाल की खाड़ी तक पहुंच गई है. इससे यह स्पष्ट है कि बंगाल की खाड़ी से आने वाली मानसूनी हवाएं हरियाणा की ओर बढ़ रही हैं. साथ ही उत्तर-पश्चिमी राजस्थान पर एक साइक्लोनिक सरकुलेशन बनने की संभावना है, जिससे अरब सागर से भी नमी युक्त हवाएं हरियाणा की तरफ आने की उम्मीद जताई जा रही है.
मौसम विभाग के मुताबिक, 26 और 27 जून को राज्य के उत्तरी जिलों में हवाओं और गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. वहीं, दक्षिणी और पश्चिमी जिलों में बूंदाबांदी या हल्की बारिश देखी जा सकती है. यह संकेत है कि मानसून की शुरुआत से पहले ही मौसम में बदलाव आने लगा है.
28 जून से लेकर 1 जुलाई तक, हरियाणा में मानसूनी गतिविधियां तेज होने की संभावना है. इस दौरान ज्यादातर जिलों में गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश की आशंका जताई गई है. कुछ स्थानों पर भारी बारिश की भी संभावना बनी हुई है.
भारी बारिश और बादलों की सक्रियता के चलते दिन के तापमान में उल्लेखनीय गिरावट आने की उम्मीद है. इससे लंबे समय से चल रही गर्मी और उमस से लोगों को राहत मिल सकती है. किसानों के लिए भी यह खबर फसलों के लिहाज से सकारात्मक मानी जा रही है.
हरियाणा एक कृषिप्रधान राज्य है और यहां की अर्थव्यवस्था काफी हद तक मानसून पर निर्भर है. ऐसे में अगर 28 जून से अच्छी बारिश होती है तो यह धान की बुवाई और अन्य खरीफ फसलों के लिए सकारात्मक संकेत होगा.
मौसम विभाग ने यह भी आगाह किया है कि बारिश के दौरान तेज हवाएं, बिजली गिरने और गरज-चमक के मामले सामने आ सकते हैं. ऐसे में लोगों को सलाह दी जाती है कि वे खुले इलाकों में जाने से बचें और सुरक्षित स्थानों पर रहें.
आने वाले 5-6 दिन हरियाणा के मौसम के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं. जहां एक तरफ मानसून की वास्तविक शुरुआत हो रही है, वहीं दूसरी तरफ इससे तापमान और खेती दोनों पर सकारात्मक असर पड़ेगा. मौसम विभाग की सलाह को गंभीरता से लेने और मौसम अपडेट पर नजर बनाए रखने की जरूरत है.