पेटिएम पर दिखेगा सभी बैंक अकाउंट का बैलेन्स, बार-बार पिन डालने का झंझट खत्म Paytm New Update – अभी पढ़ें ये खबर
Rahul Mishra (CEO) June 26, 2025 06:26 PM

पेटीएम नया अपडेट: डिजिटल पेमेंट कंपनी पेटीएम ने अपने यूजर्स के लिए एक नया और बेहद उपयोगी फीचर ‘टोटल बैलेंस व्यू’ लॉन्च किया है. इस फीचर के जरिए यूजर्स अब केवल एक बार UPI पिन डालकर अपने सभी बैंक खातों का कुल बैलेंस एक ही स्क्रीन पर देख सकेंगे. इससे पहले, हर बैंक अकाउंट का बैलेंस जानने के लिए यूजर्स को अलग-अलग ऐप्स या स्टेप्स से गुजरना पड़ता था.

एक से अधिक बैंक अकाउंट वालों के लिए वरदान

यह फीचर खासतौर पर उन यूजर्स के लिए फायदेमंद है जिनके अनेक बैंक अकाउंट्स हैं और जो अक्सर एक-एक करके अलग-अलग बैलेंस देखने में समय गंवाते हैं. अब पेटीएम के इस टूल से यूजर को अपने सभी बैंक अकाउंट्स की शेष राशि स्वचालित रूप से एक साथ देखने को मिलेगी.

मनी मैनेजमेंट अब हुआ और आसान

पेटीएम का यह नया टूल मनी मैनेजमेंट को आसान बनाने के उद्देश्य से लाया गया है. यूजर्स इस फीचर की मदद से अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग, मासिक बजट, खर्चों पर नियंत्रण और सेविंग की रणनीति पहले से बेहतर बना सकेंगे. यानी अब वित्तीय जागरूकता और नियंत्रण दोनों एक साथ.

पेटीएम का सफर और आंकड़े

पेटीएम की शुरुआत अगस्त 2009 में वन97 कम्युनिकेशंस द्वारा की गई थी, जिसके संस्थापक विजय शेखर शर्मा हैं. आज पेटीएम के भारत में 30 करोड़ से अधिक एक्टिव यूजर्स हैं. इसका मार्केट कैप लगभग 28 हजार करोड़ रुपये है, जो इसे देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट कंपनियों में शुमार करता है.

UPI कैसे करता है काम?

यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) एक ऐसा सिस्टम है जो वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) के जरिए आपके बैंक खाते से लेनदेन की सुविधा देता है. एक बार VPA तैयार हो जाने के बाद यूजर को बैंक खाता नंबर, IFSC कोड या बैंक नाम याद रखने की जरूरत नहीं होती. पेमेंट सिर्फ मोबाइल नंबर या UPI ID के जरिए की जा सकती है.

नेट बैंकिंग और कार्ड की जरूरत खत्म

UPI की वजह से अब आपको नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड की आवश्यकता नहीं रह गई है. यूटिलिटी बिल पेमेंट, ऑनलाइन खरीदारी, मर्चेंट पेमेंट, सब कुछ अब UPI से मुमकिन है. यही कारण है कि यह सिस्टम तेजी से देश की प्रमुख पेमेंट विधि बनता जा रहा है.

UPI का संचालन कौन करता है?

भारत में RTGS और NEFT जैसे पेमेंट सिस्टम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधीन आते हैं, जबकि UPI, IMPS और RuPay जैसे सिस्टम नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा संचालित किए जाते हैं. NPCI भारत में डिजिटल पेमेंट्स के मानकीकरण के लिए कार्यरत एक प्रमुख संस्था है.

UPI पर जीरो ट्रांजैक्शन शुल्क का फायदा

सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI आधारित ट्रांजैक्शन के लिए जीरो चार्ज फ्रेमवर्क को अनिवार्य कर दिया है. यानी अब उपभोक्ताओं को UPI ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं देना पड़ता, जिससे इसकी लोकप्रियता और भी बढ़ गई है.

सुरक्षित और सुविधाजनक ट्रांजैक्शन

UPI से पेमेंट करते समय पेटीएम जैसे ऐप यूजर से केवल एक बार UPI पिन मांगते हैं, जिससे लेनदेन की प्रक्रिया आसान और सुरक्षित दोनों बनती है. अब जब टोटल बैलेंस व्यू फीचर भी उपलब्ध है, तो इसका लाभ लेकर यूजर अपने समस्त वित्तीय डेटा पर पूर्ण नियंत्रण रख सकते हैं.

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