राजस्थान हैवी रेन अलर्ट राजस्थान में मानसून का असर तेजी से बढ़ रहा है और राज्य के कई जिलों में लगातार बारिश दर्ज की जा रही है. मौसम विभाग ने बुधवार सुबह उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के लिए तत्काल चेतावनी जारी की है. इसके मुताबिक, अगले 60 मिनट के भीतर गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर और आसपास के क्षेत्रों में तेज बारिश के साथ मेघगर्जन हो सकता है.
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. खासतौर पर उन क्षेत्रों में जहां अगले एक घंटे में मौसम बिगड़ सकता है, वहां के लोगों को घर के अंदर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने को कहा गया है.
राज्य में जारी बारिश की यह गतिविधियां उत्तर प्रदेश के ऊपर बने परिसंचरण तंत्र के कारण तेज हुई हैं. यह सिस्टम राजस्थान की ओर नमी ला रहा है, जिससे अगले कुछ दिनों में लगातार बारिश की संभावना जताई गई है.
26 जून से 29 जून तक बीकानेर और जोधपुर संभागों में वर्षा की तीव्रता में इजाफा हो सकता है. इस दौरान कुछ इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश और बिजली गिरने की भी संभावना बनी हुई है.
पिछले 24 घंटों में भूगंड़ा (बांसवाड़ा जिले) में सबसे अधिक 115 मिमी बारिश दर्ज की गई है. वहीं, पूर्वी राजस्थान के अन्य क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश, जबकि कुछ इलाकों में भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है.
पश्चिमी राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में भी गरज-चमक के साथ मध्यम बारिश हुई है. इससे स्पष्ट है कि राज्य के दोनों हिस्सों में मानसून धीरे-धीरे सक्रिय हो रहा है और आने वाले दिनों में इसका प्रभाव और बढ़ सकता है.
बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में दिन और रात के तापमान में गिरावट आई है, लेकिन जैसलमेर अब भी राज्य का सबसे गर्म जिला बना हुआ है. वहां अधिकतम तापमान 42.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 30.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले एक सप्ताह तक राजस्थान में रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी. खासकर कोटा, जयपुर और अजमेर संभागों में कुछ स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश की संभावना है.
पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर और बीकानेर संभागों में भी गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला अगले कुछ दिनों तक बना रहेगा. मौसम विभाग ने यहां भी चेतावनी जारी करते हुए सतर्क रहने की सलाह दी है.
राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने जनता से अपील की है कि बारिश और वज्रपात के दौरान घरों के अंदर रहें और किसी भी परिस्थिति में अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें. यह कदम आम जनता की सुरक्षा और आपदा जोखिम को कम करने के लिए जरूरी है.