CBSE का बड़ा फैसला! अब साल में दो बार होंगी 10वीं की परीक्षा – CBSE Board New Rules 2025
Rahul Mishra (CEO) June 26, 2025 06:26 PM

सीबीएसई बोर्ड न्यू रूल्स 2025 – अगर आप या आपके बच्चे CBSE बोर्ड के 10वीं के छात्र हैं, तो अब पढ़ाई के साथ-साथ परीक्षा का तरीका भी बदलने वाला है। जी हां, CBSE ने 2025 से 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को लेकर एक बड़ा फैसला किया है, जो 2026 के सत्र से लागू होगा। अब छात्र साल में एक नहीं, बल्कि दो बार 10वीं की परीक्षा दे सकेंगे।

इस बदलाव का मकसद सिर्फ यही नहीं है कि बच्चों को एक और मौका मिले, बल्कि एग्जाम स्ट्रेस कम करना, रिजल्ट में सुधार की सुविधा देना और नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत शिक्षा प्रणाली को लचीला बनाना है।

क्या है नई व्यवस्था का पूरा प्लान?

CBSE बोर्ड के नए नियम के तहत:

  • पहली बोर्ड परीक्षा फरवरी में होगी – यह परीक्षा हर छात्र के लिए अनिवार्य होगी।
  • दूसरी बोर्ड परीक्षा मई में करवाई जाएगी – यह वैकल्पिक होगी। यानी, अगर कोई छात्र पहली परीक्षा के अंकों से संतुष्ट नहीं है, तो वह मई में फिर से परीक्षा दे सकता है।
  • जिस परीक्षा में बेहतर अंक होंगे, वही फाइनल रिजल्ट में शामिल किए जाएंगे।

अब यह सिस्टम छात्रों को दो मौके देगा – एक सीखने का, दूसरा सुधार करने का।

किस-किस विषय में दोबारा दे सकते हैं परीक्षा?

छात्रों को तीन मुख्य विषयों में अंक सुधार का मौका मिलेगा। इसमें शामिल हैं:

  • गणित
  • विज्ञान
  • सामाजिक विज्ञान
  • हिंदी या अंग्रेजी जैसी भाषा विषय

दोनों परीक्षाओं का सिलेबस एक जैसा रहेगा। कोई सेमेस्टर सिस्टम लागू नहीं किया जाएगा। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि किसी एक परीक्षा में पाठ्यक्रम आसान न लगे और दूसरा मुश्किल।

प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट – सिर्फ एक बार ही होंगे

CBSE ने यह भी साफ किया है कि दोनों परीक्षाओं के लिए प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट केवल एक बार ही होंगे। यानी:

  • छात्र फरवरी से पहले स्कूलों में प्रैक्टिकल देंगे।
  • चाहे वो दूसरी बार परीक्षा दें या नहीं, प्रैक्टिकल के वही नंबर दोनों रिजल्ट्स में जोड़े जाएंगे।
  • इससे बच्चों को बार-बार उसी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा।

रिजल्ट और सर्टिफिकेट कैसे मिलेंगे?

अब यहाँ भी बदलाव है:

  • पहली परीक्षा का रिजल्ट अप्रैल में आएगा लेकिन इस समय पासिंग सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा।
  • छात्र चाहें तो 11वीं कक्षा में एडमिशन के लिए डिजिलॉकर से अपना मार्कशीट डाउनलोड कर सकेंगे।
  • फाइनल मार्कशीट और पासिंग सर्टिफिकेट दूसरी परीक्षा के बाद ही जारी किए जाएंगे।
  • अगर कोई छात्र दूसरी परीक्षा नहीं देना चाहता, तो पहली परीक्षा के अंक ही फाइनल माने जाएंगे।

रजिस्ट्रेशन और फीस से जुड़े नियम

  • पहली और दूसरी दोनों परीक्षाओं की फीस एक साथ ही जमा करनी होगी।
  • स्कूलों को सितंबर में CBSE को List of Candidates (LOC) भेजनी होगी।
  • पहली परीक्षा के रिजल्ट के बाद CBSE पोर्टल 5 दिनों के लिए दोबारा खुलेगा, ताकि जो छात्र सुधार परीक्षा देना चाहते हैं, वो रजिस्ट्रेशन कर सकें।
  • दूसरी परीक्षा के लिए नए आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। यानी जो पहले से पंजीकृत हैं, वही दोबारा परीक्षा दे सकेंगे।

इस बदलाव से छात्रों को क्या फायदा होगा?

  • अगर पहली बार परीक्षा में प्रदर्शन अच्छा नहीं होता, तो छात्र फिर से बेहतर करने का मौका पा सकते हैं।
  • एग्जाम स्ट्रेस कम होगा क्योंकि अब सब कुछ एक बार के रिजल्ट पर नहीं टिका होगा।
  • छात्रों को मिलेगा सेल्फ असेसमेंट का मौका, ताकि वे अपनी कमजोरियों को पहचानकर सुधार कर सकें।
  • इससे छात्रों की अकादमिक आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

क्या यह बदलाव NEP 2020 से जुड़ा है?

जी हां, यह पूरा बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत किया जा रहा है। नीति में साफ तौर पर कहा गया है कि छात्रों को परीक्षा में सुधार के मौके मिलने चाहिए। यह शिक्षा को सिर्फ “पढ़ाई और रट्टा” से हटाकर समझ, आत्ममूल्यांकन और विकास पर जोर देता है।

क्या यह व्यवस्था 12वीं बोर्ड में भी लागू होगी?

अभी सिर्फ 10वीं कक्षा के लिए इस सिस्टम की घोषणा हुई है। हो सकता है कि भविष्य में अगर ये सफल रहता है तो 12वीं के लिए भी इसी तरह की व्यवस्था लागू हो।

CBSE का यह फैसला छात्रों के हित में उठाया गया एक बड़ा और सकारात्मक कदम है। जहां पहले बोर्ड परीक्षा को लेकर बच्चों और माता-पिता दोनों का तनाव चरम पर होता था, अब उन्हें एक मौका और मिलेगा। ये फैसला न सिर्फ परीक्षा की प्रक्रिया को लचीला बनाएगा, बल्कि बच्चों की मानसिक सेहत, आत्मविश्वास और सीखने की क्षमता को भी बेहतर बनाएगा।

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