Chennai – हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) ने भारत से वाहन निर्यात के 25 गौरवशाली वर्ष पूरे कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। अब तक 3.7 मिलियन (37 लाख) से अधिक मेड-इन-इंडिया वाहनों को 150 से ज्यादा देशों में भेजकर, भारत दक्षिण कोरिया के बाद हुंडई का सबसे बड़ा निर्यात केंद्र बन गया है, जो कंपनी की वैश्विक निर्माण और आपूर्ति श्रृंखला क्षमता को दर्शाता है।
1999 में निर्यात शुरू करने के बाद से, चेन्नई स्थित हुंडई का अत्याधुनिक उत्पादन संयंत्र कंपनी के अंतरराष्ट्रीय संचालन में एक रणनीतिक केंद्र बन गया है। केवल वित्तीय वर्ष 2024–25 में ही कंपनी ने 1.63 लाख से अधिक यूनिट्स का निर्यात किया, और वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए 7–8% की निर्यात वृद्धि का अनुमान है।
भारत से हुंडई के प्रमुख निर्यात गंतव्यों में सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, मेक्सिको, चिली और पेरू शामिल हैं, जो ब्रांड की उभरते और परिपक्व वैश्विक बाजारों में मजबूत मांग को दर्शाते हैं। इसके निर्यात पोर्टफोलियो में प्रमुख मॉडल जैसे क्रेटा, i20 और ग्रैंड i10 शामिल हैं।
हुंडई की इस सफलता में चेन्नई पोर्ट के साथ उसकी मजबूत साझेदारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे वैश्विक स्तर पर तेज़ और कुशल वितरण संभव हुआ है। कंपनी अपने भारतीय संयंत्र में तकनीक, स्थिरता और ऑटोमेशन में लगातार निवेश कर रही है ताकि वह अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतर सके।
इस अवसर पर हुंडई ने “प्रोग्रेस फॉर ह्यूमैनिटी” के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई — जिसमें स्थायी मोबिलिटी समाधान, डिजिटल नवाचार और ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने पर जोर दिया गया है।
पिछले ढाई दशकों से निर्यात में नेतृत्व करते हुए, हुंडई मोटर इंडिया वैश्विक ऑटोमोबाइल उद्योग की वृद्धि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है — वह भी भारत के चेन्नई से।