राजस्थान के जोधपुर पुलिस ने एक इनाम ड्रग तस्कर को पकड़ने में सफलता पाई है. इसका नाम दुर्गाराम है. पुलिस ने इस पर 25,000 रुपये का इनाम रखा था. दुर्गाराम अपनी पत्नी से बेहद मोहब्बत करता था. वह पुलिस से बचकर उससे मिलने आता था. हालांकि, पुलिस को भनक लग गई और उसे गिरफ्तार कर लिया. पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि आरोपी दुर्गाराम फलोदी के मतोड़ा थाना के बरसिंगो का बास गांव निवासी है. पुलिस उससे पूछताछ में जुटी हुई है.
पुलिस के मुताबिक, दुर्गाराम बेहद चालाकी से काम करता था. वह मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करता था और पत्नी से सीधे बात करने के बजाय पड़ोसी को किसी अनजान नंबर से फोन करके संदेश देता था. पड़ोसी खुद जाकर पत्नी को उसकी बात पहुंचाता था.
कैसे पत्नी से मिलता था ड्रग तस्कर?दुर्गाराम अपनी पत्नी से मिलने के लिए अपने एक दूर के रिश्तेदार के यहां जाता था और वहीं अपनी पत्नी को भी बुला लेता था. पुलिस को जब ये पता लगा तो एक टीम सादी वर्दी में दुर्गाराम और उसके परिवार की गतिविधियों पर नजर रखने लगी. जब भी दुर्गाराम की पत्नी घर से रिश्तेदार के यहां जाती, पुलिस की टीम चौकन्नी हो जाती.
दुर्गाराम कच्चे रास्ते से बाइक पर सवार होकर रिश्तेदार के यहां जाता, ताकि पत्नी से मुलाकात हो सके. हालांकि, पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया. पिता की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण आठवीं कक्षा के बाद दुर्गाराम को पढ़ाई छोड़कर पत्थर की खदानों में काम करना पड़ा. जोधपुर में मजदूरी करते हुए वह कालीबेरी क्षेत्र में किराए के मकान में रहने लगा. यहीं पर उसकी मुलाकात एक ऐसे पड़ोसी से हुई जो ड्रग तस्करी करता था. उस पड़ोसी की ऐशो-आराम की जिंदगी और लग्जरी गाड़ियों ने दुर्गाराम को प्रभावित किया.
कैसे बन गया ड्रग तस्कर?धीरे-धीरे, दुर्गाराम उस पड़ोसी, कालू के अवैध धंधे में शामिल हो गया. पैसों की कमी और ऐशो-आराम की चाह ने उसे अपराध की दुनिया में धकेल दिया. दुर्गाराम ने प्रतिबंधित डोडा पोस्त से भरा एक ट्रक मेवाड़ से मारवाड़ के मंडली तक पहुंचाया, लेकिन पुलिस ने ट्रक को पकड़ लिया. हालांकि, दुर्गाराम मौके से फरार हो गया. इस घटना के बाद से दुर्गाराम दो साल तक पुलिस से बचता फिर रहा था, दर-दर की ठोकरें खा रहा था. उसके पिता ने भी उससे दूरी बना ली, जिससे वह अपनों से दूर हो गया और अकेला पड़ गया.
रिपोर्ट- युगावर्त व्यास, जोधपुर