पेट्रोल पंप धोखाधड़ी: पेट्रोल के बढ़ते दामों के बीच हर ड्रॉप की कीमत और अहमियत बढ़ गई है. लेकिन कई बार हमें पता भी नहीं चलता और हमसे पेट्रोल चोरी हो जाती है. पेट्रोल पंप पर ठगी के कई तरीके अपनाए जाते हैं जिनसे बचना हमारे लिए बेहद जरूरी है. यहां हम बता रहे हैं 12 ऐसे स्मार्ट और प्रैक्टिकल उपाय, जिनकी मदद से आप हर बार पूरी मात्रा में पेट्रोल प्राप्त कर सकते हैं और किसी भी प्रकार की ठगी से खुद को बचा सकते हैं.
अगर गाड़ी दूर खड़ी होती है तो फ्यूल पाइप खिंच जाता है, जिससे पाइप में थोड़ा पेट्रोल फंसा रह जाता है. इससे आपको पूरा पेट्रोल नहीं मिलता. इसलिए हमेशा कोशिश करें कि आपकी गाड़ी फ्यूल मशीन के बिलकुल पास हो.
पंप ऑपरेटर से साफ कहें कि मीटर को ‘0’ पर लाकर ही तेल भरना शुरू करें. कई बार कर्मचारी पुराने रीडिंग पर ही पेट्रोल भरना चालू कर देते हैं जिससे कम फ्यूल डाला जाता है.
कम राशि में पेट्रोल भरवाना पेट्रोल पंप की आम ट्रिक होती है. इसमें पहले ₹100 या ₹200 का तेल भरकर अगली बार आपको कम फ्यूल दिया जाता है. हमेशा एक ही बार में पूरा अमाउंट बताकर पेट्रोल भरवाएं.
अगर नॉजल का बटन आधा दबा हो, तो फ्यूल स्लो फ्लो में आएगा और कम पेट्रोल डाला जाएगा. इसलिए पेट्रोल भरते समय नॉजल की स्थिति पर ध्यान रखें.
अक्सर कर्मचारी आपका ध्यान भटका कर ₹500 की जगह ₹300 का पेट्रोल भरते हैं और आपको गलत जानकारी देते हैं. फ्यूल खत्म होने के बाद ही पेमेंट करें और स्क्रीन पर रीडिंग जांचें.
₹100, ₹200 या ₹500 जैसे राउंड फिगर में फ्यूल भरवाना गलत मापतौल का आसान तरीका बन सकता है. इसलिए ₹117, ₹273, ₹431 जैसे असामान्य फिगर में पेट्रोल भरवाएं.
कभी-कभी मशीन से सिर्फ हवा निकलती है और तेल नहीं आता. अगर फ्यूल भरते ही गाड़ी में कोई फर्क महसूस न हो, तो तुरंत पंप स्टाफ से बात करें या शिकायत दर्ज कराएं.
अगर किसी पेट्रोल पंप पर आपको शक हो, तो मोबाइल से वीडियो बनाएं. इससे कर्मचारी सतर्क रहता है और वह गड़बड़ी करने से कतराता है.
कैश पेमेंट में कोई रिकॉर्ड नहीं होता, जिससे विवाद होने पर आपका पक्ष कमजोर हो सकता है. UPI या कार्ड से पेमेंट करने पर आपके पास ट्रांजैक्शन का डिजिटल प्रूफ रहेगा.
पेट्रोल भरवाने के बाद गाड़ी की माइलेज ट्रैक करें. अगर अलग-अलग पेट्रोल पंप पर माइलेज में ज्यादा अंतर आए, तो समझिए कहीं कुछ गड़बड़ है.
अगर आपको लगे कि आपसे कम पेट्रोल डाला गया है, तो मैनेजर से कंप्लेंट बुक मांगें और शिकायत लिखें. आप IOC, BPCL या HPCL की वेबसाइट/ऐप पर भी ऑनलाइन कंप्लेंट दर्ज करा सकते हैं. इससे आपकी समस्या के समाधान की उम्मीद के साथ-साथ दूसरे ग्राहकों को भी मदद मिल सकती है.