जागरुकता से सर्प दंश की घटनाओं में आ रही कमी
अनूपपुर, 27 जून (Udaipur Kiran) । बरसात का समय आते ही अन्य स्थानों की तरह अनूपपुर जिले में भी विभिन्न प्रकार के सर्पो का निकलना बहुतायत में प्रारम्भ हो गया है, आए दिन विभिन्न प्रकार के सर्पो के लोगो के घरो व आसपास आहार की तलाश में आ जाने की सूचनाएं मिलने पर विगत एक माह में अनूपपुर जिला व जिला मुख्यालय के सर्प प्रहरियों द्वारा विभिन्न प्रजाति के 100 से अधिक सर्पो का रेस्क्यू कर स्वतंत्र विचरण हेतु जंगलों में छोड़ा गया, यह कार्य निरंतर जारी है।
सर्प विशेषज्ञों एवं सर्प प्रहरियों द्वारा समय-समय पर अनूपपुर जिले के नगरीय एवं ग्रामीण अंचलो में ग्रामीणो,आम जनो एवं विभिन्न विद्यालयो में अध्यनरत छात्र/छात्राओं को सर्पो की पहचान, बचाव एवं सर्पो के काटने पर तत्काल चिकित्सालय में उपचार कराए जाने हेतु दिए गए जानकारी, प्रशिक्षण से जन जागरुकता आई है जिससे सर्पो के डसने की घटनाओं में कमी आई है,वही सांपों के काटने से पीड़ित व्यक्तियों को परिजनों द्वारा शासकीय चिकित्सालय मे समय पर ला कर उपचार कराने लगे हैं जिससे समय पर उपचार होने से कई लोगों की जान बची है।
ज्ञात हो कि बरसात का समय आते ही जमीन के अंदर विभिन्न प्रकार के सांपों का बाहर निकल कर बहुतायत में आहार की तलाश में नगरीय एवं ग्रामीण अंचलों में घरो व आसपास विचरण करते आ जाते हैं। खेतों में काम करते अक्सर दिखते हैं सांपों के दिखने,घर के अंदर एवं आसपास होने की सूचना प्राप्त होने पर जिला मुख्यालय अनूपपुर के सर्पप्रहरी शशिधर अग्रवाल, छोटेलाल यादव, जैतहरी के डी,पी,सेन, गोबरी के डी,के,रावत, कोतमा के हरिवंश प्रसाद पटेल, अमरकंटक क्षेत्र से भास्कर कुमार वर्में, विकास चंदेल एवं उनकी टीम द्वारा एक माह 100 से अधिक संख्या में अत्यंत जहरीले कोबरा नांग,बैडेड करैत,कामन करैत,रसल वाईपर के साथ जहरविहीन गोह,तिरिछ,धामन/ असढिया,अजगर,भेड़िया सांप,पानी का सांप जैसे विभिन्न प्रजाति के सांपों का सुरक्षित रेस्क्यू कर स्वतंत्र विचरण हेतु जंगलों में छोड़ने का कार्य किया गया है।
सांपों की पहचान,बचाव एवं सांपों के डसने से पीड़ित व्यक्तियों को समय पर शासकीय चिकित्सालय मे ले जा कर उपचार कराए जाने के संबंध में सर्प विशेषज्ञो एवं सर्प प्रहरियों द्वारा विभिन्न विद्यालयों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को महत्वपूर्ण जानकारी के साथ प्रशिक्षण दिए जाने से आम जनों में जागरूकता आई है। जिससे पीड़ित व्यक्तियों को परिजनों एवं अन्य लोगों द्वारा झाड़-फूंक या अन्य स्थानीय उपचार कराने की बजाए तत्काल समय पर शासकीय चिकित्सालय में ला कर उपचार कराने से जान बच रही है।
एक माह में अनूपपुर एवं जैतहरी में दो महिलाओं की कोबरा नांग के डसने एवं एक महिला की घर में जमीन में सोते समय पीठ में डण्डा करायल काटने से देरी से अस्पताल पहुंचने पर सर्पदंश से मौत होने गई है। सर्प विशेषज्ञों एवं सर्प प्रहरियों ने बरसात के समय घरों के अंदर जमीन में नहीं सोने,टॉर्च या अन्य तरह की रोशनी के साथ रात के समय चलने,घरों के आसपास साफ सफाई रखने,घर के अन्दर,बाहर रखे कन्डे,लकड़ी अन्य सामग्रियो के ढेर से कुछ निकालते समय सावधानी बरतने,खेतों में चारा,घास पर सावधानी से चलने,काम करने की अपील की है।
कलेक्टर हर्षल पंचोली ने बताया कि अनूपपुर जिले के प्राथमिक, सामुदायिक तथा जिला चिकित्सालय में सर्पदंश से पीड़ितो के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं तथा इंजेक्शन उपलब्ध है अनूपपुर जिले मे वर्तमान में सर्पदंश इंजेक्शन 869 की संख्या में मौजूद है।
(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला