MP: 90 डिग्री मोड़ वाले ओवरब्रिज पर मुख्यमंत्री मोहन यादव का एक्शन, 7 इंजीनियर निलंबित
TV9 Bharatvarsh June 29, 2025 12:42 PM

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल में 90 डिग्री मोड़ वाले रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के निर्माण में तकनीकी खामियों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए शनिवार को दो चीफ इंजीनियर सहित सात इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. सीएम यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में यह जानकारी दी कि इस मामले में एक रिटायर्ड वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी.

राज्य की राजधानी में ऐशबाग स्टेडियम के पास बना रेलवे ओवरब्रिज स्थानीय निवासियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं द्वारा इसके डिजाइन पर सवाल उठाए जाने के साथ ही आलोचना और मजाक का विषय बना हुआ है.

पुल के निर्माण में गंभीर लापरवाही

संभावित जोखिमों पर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों ने कहा था कि वाहनों को इसके असामान्य 90 डिग्री मोड़ से गुजरना मुश्किल होगा. सीएम मोहन यादव ने ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर लोक निर्माण विभाग के आठ इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. दो चीफ इंजीनियर सहित सात इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है. एक रिटायर्ड एसई के खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी.

आरओबी का गलत डिजाइन

उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट में आरओबी का गलत डिजाइन पेश करने पर निर्माण एजेंसी और डिजाईन कंसल्टेंट, दोनों को ब्लैक लिस्ट किया गया है. पीडब्ल्यूडी के एडिशनल मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि गलत डिजाइन के लिए जिन इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

इनमें मुख्य अभियंता संजय खांडे और जीपी वर्मा, प्रभारी कार्यकारी अभियंता जावेद शकील, प्रभारी उप-विभागीय अधिकारी रवि शुक्ला, उप-अभियंता उमाशंकर मिश्रा, सहायक अभियंता शानुल सक्सेना, प्रभारी कार्यकारी अभियंता शबाना रज्जाक और सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता एमपी सिंह शामिल हैं.

सुधार के लिए बनाई गई कमेटी

मोहन यादव ने कहा कि आरओबी में आवश्यक सुधार के लिए कमेटी बनाई गयी है और सुधार के बाद ही उसका लोकार्पण किया जाएगा. तकरीबन 18 करोड़ रुपए की लागत से बने इस आरओबी का उद्देश्य महामाई का बाग, पुष्पा नगर और स्टेशन क्षेत्र से नए भोपाल तक वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाना है.

पुल पर वाहनों की सुरक्षित आवाजाही

इस पुल को लेकर विवाद होने के बाद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने पुल पर वाहनों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए समाधान खोजने के लिए एक समिति बनाई थी. पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने तब कहा था कि एनएचएआई की एक टीम ने मामले की जांच की और पाया कि जमीन की अनुपलब्धता के कारण अजीब डिजाइन अपनाया गया था. उन्होंने कहा था कि दो चीफ इंजीनियरों वाली कमेटी रेलवे सहित सभी हितधारकों से बात करेगी और फिर सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे.

उनके अनुसार समिति की रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाएगा कि पुल के मोड़ को कैसे सुगम और दुर्घटना मुक्त बनाया जाए. आरओबी के निर्माण से जुड़े अधिकारियों ने पहले तर्क दिया था कि जमीन की कमी और पास में मेट्रो रेल स्टेशन की मौजूदगी को देखते हुए उनके पास इसे इस तरह बनाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था.

करीब तीन लाख लोगों को फायदा

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने कहा कि अगर थोड़ी और जमीन उपलब्ध हो जाए तो 90 डिग्री के तीखे मोड़ को कर्व में बदला जा सकता है. मार्च 2023 में आरओबी का निर्माण शुरू होने से पहले सरकार ने कहा था कि इसके चालू हो जाने के बाद ऐशबाग इलाके के लोगों को न तो रेलवे क्रॉसिंग पर इंतजार करना पड़ेगा और न ही लंबा चक्कर लगाना पड़ेगा और इससे हर दिन करीब तीन लाख लोगों को फायदा होगा.

हालांकि, इसके 90 डिग्री के मोड़ के कारण सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के साथ-साथ स्थानीय निवासियों ने कहा कि गलत डिजाइन दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है क्योंकि वाहनों को इसके तीखे कोण के कारण मोड़ से गुजरना मुश्किल होगा.

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