एटीएम लेनदेन वृद्धि: एक्सिस बैंक ने अपने सेविंग्स अकाउंट और ट्रस्ट अकाउंट धारकों के लिए एटीएम लेन-देन से संबंधित फीस में बदलाव की घोषणा की है. बैंक ने स्पष्ट किया है कि ये नई दरें 1 जुलाई 2025 से लागू होंगी, जिससे लाखों खाताधारकों पर सीधा असर पड़ेगा.
बैंक की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, ATM से कैश निकालना और बैलेंस चेक जैसी सेवाएं, जो पहले तय सीमा तक मुफ्त होती थीं, अब उनके अतिरिक्त उपयोग पर अधिक शुल्क देना होगा.
अब तक एक्सिस बैंक में तय मुफ्त लिमिट के बाद अगर कोई ग्राहक अतिरिक्त ट्रांजेक्शन करता है, तो ₹21 प्रति ट्रांजेक्शन शुल्क लिया जाता था. लेकिन 1 जुलाई 2025 से यह शुल्क ₹23 प्रति ट्रांजेक्शन हो जाएगा. इसका असर Axis Bank के एटीएम के साथ-साथ अन्य बैंकों के ATM पर भी लागू होगा.
यह बढ़ोतरी कैश निकासी और बैलेंस इंक्वायरी जैसी सुविधाओं पर लागू होगी. यानी ग्राहकों को ATM इस्तेमाल करने से पहले अपनी फ्री लिमिट का ध्यान रखना जरूरी हो गया है.
बैंक के अनुसार, ये बदलाव निम्नलिखित प्रकार के खाताधारकों को प्रभावित करेंगे:
बैंकिंग क्षेत्र के विशेषज्ञों के मुताबिक, बढ़ती संचालन लागत, तकनीकी रखरखाव, और कैश हैंडलिंग चार्जेस की वजह से बैंक यह शुल्क बढ़ा रहे हैं. ATM सेवाओं में लगने वाला खर्च लगातार बढ़ रहा है, जिसे संतुलित करने के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं.
बैंक ने अपने खाताधारकों को सलाह दी है कि वे अपने अकाउंट की फ्री ट्रांजेक्शन लिमिट और नई फीस स्ट्रक्चर के बारे में स्पष्ट जानकारी प्राप्त करें.
हर खाताधारक के लिए फ्री लिमिट अलग-अलग होती है, जो उनके अकाउंट टाइप, स्थान (Urban/Rural) और बैंक के साथ उनके संबंध पर निर्भर करती है. यह जानकारी आप निम्न तरीकों से प्राप्त कर सकते हैं:
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे हर महीने ग्राहकों को एक निश्चित संख्या में मुफ्त ATM ट्रांजेक्शन दें. शहरी क्षेत्रों में यह संख्या 5 बार, और ग्रामीण क्षेत्रों में 3 से 5 बार निर्धारित है. इसके बाद, बैंक प्रति ट्रांजेक्शन चार्ज वसूल सकते हैं, लेकिन RBI द्वारा तय अधिकतम सीमा के अंतर्गत ही.
विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल भुगतान और UPI आधारित ट्रांजेक्शन अधिक सुरक्षित, तेज़ और बिना किसी अतिरिक्त लागत के किए जा सकते हैं. इसलिए ग्राहकों को सलाह दी जा रही है कि वे UPI, IMPS, RTGS, NEFT जैसे फ्री डिजिटल विकल्पों का उपयोग बढ़ाएं.