ईरान और इजरायल के बीच युद्ध में अमेरिका ने भी ईरान पर हमला कर दिया, जिसके बाद ईरान ने एक ऐसा फैसला लिया जो ईरान को अमेरिका और इजराइल से भी ताकतवर बना सकता है. ईरान ने अपनी वायु सेना और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए चीन और रूस के साथ डील कर ली है. ईरान चीन से J-10C फाइटर जेट खरीदने के लिए चीन से बातचीत शुरु कर दी है. वहीं इससे पहले ईरान ने रूस से SU-35 के लिए डील की थी, लेकिन इसपर सफलता नहीं मिलने के कारण ईरान ने चीन के साथ डील शुरू की है. इसे देखते हुए सवाल ये उठता है कि ईरान अब यह डील क्यों करना चाहता है? वैसे तो ईरानी वायु सेना के पास लगभग 150 लड़ाकू विमान थे, लेकिन इनमें से कई फाइटर जेट कई पीढ़ी पुराने हैं. यह जेट अमेरिकी डिफेंस से मुकाबला करने में सक्षम नहीं हैं और न ही यह हथियार ढोने के काम में लाए जा सकते हैं. ईरान के पास 64 F-4 फैंटम-2,F-5E/F टाइगर-2 और F-14 A टॉमकैट है. ये सभी विमान 1979 का क्रांति से पहले खरीदे गए थे. वहीं 1980 से 1990 के दशक की शुरुआत में ईरान ने 18, Mig-29/UB खरीदे थे.