किडनी यानी गुर्दे, हमारे शरीर के सबसे अहम अंगों में से एक हैं. ये हमारे खून को साफ करने, शरीर से ज़हर (toxins) और फालतू पानी निकालने, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने और विटामिन D को एक्टिव करने जैसे ज़रूरी काम करते हैं. लेकिन आजकल की बदलती जीवनशैली, खराब खानपान, पानी की कमी और कुछ बीमारियों के चलते किडनी पर असर पड़ना आम होता जा रहा है.
समस्या तब बढ़ जाती है जब किडनी धीरे-धीरे खराब हो रही होती है लेकिन व्यक्ति को इसका पता ही नहीं चलता. अधिकतर मामलों में लोग शुरुआती लक्षणों को हल्के में लेते हैं या अनदेखा कर देते हैं, जो बाद में क्रॉनिक किडनी डिज़ीज (CKD) या किडनी फेलियर जैसी गंभीर स्थिति का रूप ले सकती है.
किडनी की बीमारी के इन शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करेंसफदरजंग अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग में एचओडी डॉ हिमांशु वर्मा बताते हैं किकिडनी की बीमारी के शुरुआती संकेत बेहद मामूली हो सकते हैं, लेकिन उन्हें समय रहते पहचान लेना बहुत जरूरी है. इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें.
1 शरीर में सूजन होना, खासकर पैरों, टखनों या चेहरे पर। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि किडनी सही से वेस्ट बाहर नहीं निकाल पा रही है.
2 बार-बार पेशाब आना या पेशाब में जलन होना भी एक संकेत हो सकता है. पेशाब की मात्रा या समय में बदलाव किडनी की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी का पहला लक्षण हो सकता है.
3 अगर लगातार थकान महसूस होती है, नींद नहीं आती, या ध्यान केंद्रित करने में परेशानी हो रही है तो इसका संबंध भी किडनी की कार्यक्षमता से हो सकता है.
यूरिन में झाग आनाकिडनी खराब होने पर खून में वेस्ट जमा होने लगता है, जिससे भूख कम लगती है, मिचली आती है या उल्टी जैसा महसूस होता है.एक और गंभीर संकेत है पेशाब में झाग आना, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि प्रोटीन लीक हो रहा है यानी किडनी फिल्टर करने के अपने काम को ठीक से नहीं कर पा रही. इन लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है. अगर इनमें से कोई भी समस्या लगातार बनी रहती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और जरूरी ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट और किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT) करवाएं.
खानपान का ध्यान रखेंकिडनी को स्वस्थ रखने के लिए भरपूर पानी पिएं, बहुत ज्यादा नमक और पैक्ड फूड से बचें, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ कंट्रोल में रखें, और बिना डॉक्टर की सलाह के पेनकिलर या अन्य दवाएं न लें.