कर्नाटक की राजनीतिक परिस्थितियां एक बार फिर हलचल में हैं. कांग्रेस विधायक एचए इकबाल हुसैन ने रविवार को दावा किया है कि राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार आने वाले दो से तीन महीनों में मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं. यह बयान ऐसे समय में आया है जब सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने हाल ही में सितंबर के बाद राजनीतिक परिदृश्य में क्रांतिकारी बदलाव की संभावना जताई थी.
रामनगर में संवाददाताओं से बातचीत में इकबाल हुसैन ने कहा, कांग्रेस को सत्ता में लाने में डीके शिवकुमार की रणनीति और अथक परिश्रम का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. पार्टी हाईकमान स्थिति को भलीभांति समझता है और सही समय पर उचित निर्णय करेगा. जब उनसे पूछा गया कि क्या शिवकुमार इस साल मुख्यमंत्री बन सकते हैं, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, हां, मैं ऐसा मानता हूं. कई नेता जो सितंबर के बाद बड़े बदलाव की बात कर रहे हैं, उनका यही आशय है.
डीके शिवकुमार के पास कितनी है दौलत?डीके शिवकुमार न केवल कर्नाटक के प्रभावशाली राजनीतिक नेताओं में से एक हैं, बल्कि वे देश के सबसे अमीर विधायकों में दूसरे नंबर पर भी हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में उनकी कुल संपत्ति लगभग 1,413 करोड़ रुपये आंकी गई थी. हालांकि, 2025 में महाराष्ट्र के बीजेपी विधायक पराग शाह ने 3,400 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है, लेकिन शिवकुमार अभी भी देश के सबसे धनवान विधायकों में शामिल हैं.
उनकी संपत्ति में पिछले 15 वर्षों में लगभग 18 गुना की वृद्धि हुई है. वर्ष 2008 में उनकी कुल संपत्ति 75 करोड़ रुपये थी, जो 2013 में बढ़कर 251 करोड़ रुपये और 2018 में 840 करोड़ रुपये पहुंच गई. 2023 तक उनकी चल संपत्ति लगभग 1,140 करोड़ रुपये और अचल संपत्ति करीब 273 करोड़ रुपये हो गई है, जबकि उनकी कुल उधार503 करोड़ रुपये के आस-पास हैं.
डीके शिवकुमार की आय में भी निरंतर वृद्धि हुई है. उनके आयकर रिटर्न के अनुसार, उनकी आय मुख्यतः अचल संपत्ति, कृषि, शिक्षा, और व्यवसाय से आती है. उनकी पत्नी भी व्यवसायिक रूप से सक्रिय हैं और परिवार की संयुक्त संपत्ति में उनका महत्वपूर्ण योगदान है.
2008 | 75 | – |
2013 | 251 | – |
2018 | 840 | – |
2023 | 1,413 | 503 |
डीके शिवकुमार ने 1989 में मैसूर जिले की साथनूर विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की. तब उनकी आयु मात्र 27 वर्ष थी. इसके बाद उन्होंने 1994, 1999 और 2004 में इसी सीट से लगातार जीत हासिल की.
2008 से वह कनकपुरा सीट से लगातार विजयी हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की भारी सफलता के बाद वे उप मुख्यमंत्री बने.
बताया जाता है कि 2023 के चुनाव के बाद शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर एक रोटेशनल फॉर्मूला पर सहमति बनी थी, जिसमें शिवकुमार को ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिल सकता है. हालांकि, इस बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
वित्तीय मामलों को लेकर उन पर भ्रष्टाचार और कर चोरी के आरोप भी लग चुके हैं. 2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार किया था, लेकिन 2020 में उन्हें अदालत से क्लीन चिट मिल गई थी.