119 करोड़ रुपये के इस IPO का GMP दे रहा है तगड़े मुनाफे का इशारा, 1 जुलाई को शेयर होंगे लिस्ट, क्या निवेशकों की होगी चांदी?

ग्लोब सिविल प्रोजेक्ट्स लिमिटेड आईपीओ 24 जून को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल कर 26 जून को बंद हुआ। इस इश्यू के जरिये कंपनी ने 119 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान बनाया था। यह 1.68 करोड़ शेयरों का पूरी तरह से फ्रेश इश्यू है। शेयर अलॉटमेंट प्रोसेस अंतिम दौर में है और कंपनी के शेयर 1 जुलाई को बीएसई, एनएसई पर लिस्ट होंगे।
निवेशकों ने इस इश्यू को हाथों-हाथ लिया और यह कुल मिलाकर 80.97 गुना सब्सक्राइब हुआ। इसे रिटेल कैटेगरी में 53.67 गुना, एनआईआई कैटेगरी में 143.14 गुना और क्यूआईबी कैटेगरी में 82.13 गुना सब्सक्राइब किया गया।
ग्लोब सिविल प्रोजेक्ट्स आईपीओ का प्राइस बैंड 67 रुपये से 71 रुपये प्रति शेयर है। बाजार विश्लेषकों के अनुसार अनलिस्टेड मार्केट में Globe Civil Projects IPO GMP 26 रुपये है जो कैप प्राइस की तुलना में 36.6 प्रतिशत अधिक है।
कैप प्राइस और वर्तमान जीएमपी के आधार पर ग्लोब सिविल प्रोजेक्ट्स आईपीओ के शेयर की अनुमानित लिस्टिंग प्राइस 97 रुपये हो सकती है और निवेशकों को भरपूर मुनाफा होने की संभावना दिखाई दे रही है।
यहां ध्यान देने वाली बात है कि ग्रे मार्केट प्रीमियम एक संकेत मात्र है और यह तेजी से बदलाव के अधीन होता है।
उल्लेखनीय है कि यह इस इश्यू का उच्चतम जीएमपी भी है। इश्यू खुलने वाले दिन जीएमपी 12 रुपये और बंद होने वाले दिन 19 रुपये था। इसके बाद जीएमपी लगातार छलांग मारते हुए 26 रुपये तक पहुंच गया है।
ग्लोब सिविल प्रोजेक्ट्स लिमिटेड एक इंटीग्रेटेड इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) कंपनी है, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
कंपनी ने अब तक भारत के 11 राज्यों में सफलतापूर्वक परियोजनाएं पूरी की हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं।
ग्लोब सिविल प्रोजेक्ट्स लिमिटेड अब तक कुल 37 परियोजनाएं पूरी कर चुकी है। वर्तमान में कंपनी 12 परियोजनाओं पर कार्य कर रही है। 31 अगस्त 2024 तक कंपनी की ऑर्डर बुक 8,929.45 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है, जो कुल 14 परियोजनाओं को कवर करती है।
इस आईपीओ के तहत जुटाई गई राशि का बड़ा हिस्सा, यानी 75 करोड़ रुपये, कंपनी के वर्किंग कैपिटल जरूरतों को पूरा करने में खर्च किया जाएगा।
इसके अलावा, 14.26 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कंस्ट्रक्शन उपकरण और मशीनरी की खरीद में किया जाएगा, जबकि बाकी राशि जनरल कॉरपोरेट उद्देश्यों और इश्यू से संबंधित खर्चों को कवर करने के लिए रखी गई है।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं. ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं)