पेट्रोल डीजल viechle प्रतिबंध: हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत जिलों में अब 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों पर सख्त प्रतिबंध लागू होने जा रहा है. यह आदेश 1 नवंबर 2025 से लागू होगा. हालांकि दिल्ली में यह सख्ती 1 जुलाई 2025 से ही शुरू हो चुकी है.
इस अभियान के तहत सबसे पहला कदम यह है कि पुराने वाहनों को पेट्रोल या डीजल नहीं दिया जाएगा. इसके लिए हर पेट्रोल पंप पर ANPR (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर) कैमरे लगाए जाएंगे, जो वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन कर उसकी उम्र की पुष्टि करेंगे. यदि वाहन निर्धारित सीमा से अधिक पुराना हुआ, तो उसे ईंधन नहीं मिलेगा.
फरीदाबाद RTA अधिकारी मुनीष सहगल के अनुसार, ANPR कैमरे की मदद से वाहन की पहचान पंप के एंट्री पॉइंट पर ही हो जाएगी. सॉफ्टवेयर सिस्टम तुरंत वाहन की पूरी जानकारी खंगाल लेगा और यदि वह पुराने वाहनों की कैटेगरी में आएगा, तो ऑटोमेटिक अलर्ट सिस्टम उसे चिह्नित कर देगा.
यदि वाहन मालिक प्रतिबंध के बावजूद पुराने वाहनों से पेट्रोल-डीजल लेने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ेगा. दिल्ली में यह जुर्माना चार पहिया वाहनों के लिए ₹10,000 और दोपहिया वाहनों के लिए ₹5,000 तय किया गया है. हरियाणा में जुर्माने की दरों की घोषणा जल्द की जाएगी.
इस प्रक्रिया की शुरुआत NGT के 2015 और सुप्रीम कोर्ट के 2018 के आदेशों के पालन में हो रही है. दोनों संस्थानों ने NCR में एंड ऑफ लाइफ (EOL) वाहनों के संचालन पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे. लेकिन अब तक इस पर अमल धीमा था, जिसे अब CAQM के जरिए तेज किया जा रहा है.
CAQM के आदेशों के अनुसार, पहले चरण में केवल फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत को शामिल किया गया है. दूसरे चरण में 1 नवंबर 2026 से यह नियम पूरे NCR क्षेत्र में लागू होगा. यानी यदि 30 अक्टूबर 2026 तक पुराने वाहन सड़कों से नहीं हटे, तो ईंधन देना पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा.
फरीदाबाद परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जिले में 10 साल पुराने 1.63 लाख कॉमर्शियल वाहन पंजीकृत हैं, जिनमें 1.24 लाख डीजल वाहन शामिल हैं. वहीं निजी वाहन SDM कार्यालयों में रजिस्टर्ड होते हैं, जिनकी संख्या भी करीब पौने दो लाख है.
CAQM की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा के NCR क्षेत्र में 27.50 लाख से ज्यादा डीजल और पेट्रोल वाहन 10 और 15 साल की उम्र पार कर चुके हैं. इनमें शामिल हैं फरीदाबाद, गुरुग्राम, पानीपत, रोहतक, रेवाड़ी, झज्जर, नूंह, महेंद्रगढ़ आदि. यदि यह संख्या नियंत्रण में नहीं आई, तो प्रदूषण स्तर और गंभीर हो सकता है.
यह आंकड़े स्पष्ट रूप से बताते हैं कि पुराने वाहनों की संख्या NCR में बहुत अधिक है, और इन्हें नियंत्रित करना अब आवश्यक हो गया है.
यह निर्णय केवल यातायात नियंत्रण नहीं, बल्कि वायु प्रदूषण कम करने की दिशा में बड़ा कदम है. अगर यह योजना सफल रहती है, तो इससे स्वस्थ जीवन और साफ हवा के प्रयासों को मजबूती मिलेगी. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि कैमरे लगाने की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2025 है.