सरकारी नौकरी वालों की बल्ले-बल्ले! रिटायरमेंट उम्र में हुआ बड़ा बदलाव Retirement Age
Rahul Mishra (CEO) June 30, 2025 11:25 PM

सेवानिवृत्ति की उम्र – ज़रूरी जानकारी और सरकारी फैसलों को जानना हर नौकरीपेशा इंसान के लिए बेहद अहम होता है, और जब बात सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र की हो, तो मामला और भी गंभीर हो जाता है। हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से रिटायरमेंट एज को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है, जो लाखों कर्मचारियों की जिंदगी पर असर डाल सकता है।

अब 60 नहीं, 62 साल तक नौकरी

अब तक केंद्र सरकार के लगभग सभी विभागों में सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) की उम्र 60 साल निर्धारित थी। लेकिन अब खबर ये आ रही है कि सरकार कुछ खास विभागों में इसे बढ़ाकर 62 साल करने जा रही है। यह बदलाव सभी पर एक साथ लागू नहीं होगा, बल्कि धीरे-धीरे यानी फेज-वाइज लागू किया जाएगा। इसका मतलब है कि पहले कुछ चुनिंदा मंत्रालयों और विभागों में ये नियम लागू होगा, फिर बाकी जगहों पर।

किन विभागों में पहले होगा बदलाव?

सरकार की प्लानिंग के मुताबिक, इस नए रिटायरमेंट नियम को पहले उन डिपार्टमेंट्स में लागू किया जाएगा जहां अनुभव की ज्यादा जरूरत होती है। जैसे:

  • शिक्षा विभाग
  • स्वास्थ्य मंत्रालय
  • रक्षा और स्ट्रैटेजिक सर्विसेस
  • वैज्ञानिक रिसर्च डिपार्टमेंट

इन विभागों में अनुभवी लोगों की अहमियत काफी ज्यादा होती है। ऐसे में सरकार चाहती है कि अनुभवी कर्मचारी कुछ और साल अपनी सेवाएं दें, ताकि संस्था की गुणवत्ता बनी रहे।

रिटायरमेंट एज बढ़ाने की वजह क्या है?

  1. औसत जीवन प्रत्याशा बढ़ना – आज के समय में लोग पहले की तुलना में ज्यादा उम्र तक स्वस्थ रहते हैं। ऐसे में 60 साल की उम्र में रिटायर कर देना व्यावहारिक नहीं लगता।
  2. अनुभव का बेहतर इस्तेमाल – कई मामलों में देखा गया है कि अनुभवी लोग रिटायर होने के बाद भी पूरी तरह फिट और काम के लायक रहते हैं।
  3. सरकारी खर्चों पर कंट्रोल – अगर किसी को दो साल ज्यादा नौकरी मिलेगी तो पेंशन का भुगतान थोड़े समय बाद शुरू होगा, जिससे सरकार पर पेंशन खर्च का दबाव कुछ हद तक कम हो सकता है।
  4. रिक्तियों की संख्या घटाना – जहां नई भर्तियां नहीं हो रही हैं, वहां काम का बोझ पुराने कर्मचारियों पर ही आता है। ऐसे में सरकार चाहती है कि अनुभवी लोग थोड़े और साल काम करें।

युवाओं पर क्या होगा असर?

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर पुरानी पीढ़ी के लोग देर से रिटायर होंगे तो नई पीढ़ी को सरकारी नौकरी कैसे मिलेगी?

साफ है कि थोड़े समय के लिए युवाओं के लिए मौके घट सकते हैं। लेकिन सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस प्रक्रिया को संतुलन के साथ लागू किया जाएगा। नई भर्तियों के लिए दूसरे रास्ते निकाले जाएंगे, जैसे:

  • उम्र सीमा में लचीलापन
  • संविदा या कॉन्ट्रैक्ट पर भर्तियां
  • आउटसोर्सिंग या पब्लिक प्राइवेट मॉडल पर नियुक्ति

पेंशन और ग्रेच्युटी पर पड़ेगा सीधा असर

अगर कोई कर्मचारी 60 की जगह 62 साल तक काम करता है, तो उसके:

  • पेंशन की राशि बढ़ेगी क्योंकि अंतिम सैलरी ज्यादा होगी।
  • ग्रेच्युटी की रकम भी बढ़ सकती है।
  • प्रमोशन के मौके भी मिल सकते हैं।
  • सर्विस रिकॉर्ड बेहतर होने पर रिटायरमेंट के बाद ज्यादा बेनिफिट मिल सकते हैं।

यानि अगर किसी की नौकरी दो साल और बढ़ेगी, तो उसे सैलरी, इन्क्रीमेंट और प्रमोशन के दो और मौके मिल सकते हैं।

क्या यह फैसला सभी के लिए सही है?

इस फैसले के दोनों पक्ष हैं। एक तरफ जहां अनुभवी कर्मचारियों को फायदा मिलेगा, वहीं दूसरी तरफ युवाओं को थोड़ी देर इंतजार करना पड़ सकता है। लेकिन अगर इसे संतुलित तरीके से लागू किया जाए तो सभी को इसका फायदा मिल सकता है।

यह बदलाव कब से लागू होगा?

सरकार ने अभी इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने की बात कही है। यानी एक साथ पूरे देश में लागू नहीं होगा। हो सकता है कि यह 2025 के अंत तक कुछ मंत्रालयों में लागू कर दिया जाए और फिर 2026 से इसे अन्य विभागों में फैलाया जाए।

सरकार का यह कदम अनुभव, कुशलता और पेंशन के भार को संतुलित करने की दिशा में है। अगर इसे सही तरीके से लागू किया जाए, तो यह न केवल पुराने कर्मचारियों को सम्मान देने वाला कदम होगा, बल्कि देश की सरकारी व्यवस्था को मजबूत भी बनाएगा।

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