कुलदीप ने एक साक्षात्कार में कहा, "पीटरसन ने मुझसे कहा कि तुम एक अच्छे गेंदबाज हो, लेकिन तुम्हारी लाइन और लेंथ सटीक नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि मुझे स्टंप-टू-स्टंप गेंदबाजी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, भले ही मुझे बाउंड्री लगें, लेकिन इससे मुझे विकेट मिलेंगे।" इस सलाह को गंभीरता से लेते हुए, कुलदीप ने अगले मैच से पहले अपनी गेंदबाजी पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने अपनी लाइन और लेंथ को स्टंप-टू-स्टंप रखने का प्रयास किया। इसका परिणाम यह हुआ कि वह अपनी लय में लौट आए और विकेट लेने में सफल रहे। उन्होंने विशेष रूप से इंग्लिश कप्तान जो रूट का विकेट लेने का उल्लेख किया, जो उनकी बदली हुई रणनीति का परिणाम था।
यह घटना दर्शाती है कि अनुभवी खिलाड़ियों की सलाह युवा खिलाड़ियों के लिए कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है। कुलदीप का यह प्रदर्शन भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि वे इंग्लैंड के खिलाफ आगामी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज की तैयारी कर रहे हैं। पीटरसन की यह सलाह कुलदीप के करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, जिससे उन्हें अपनी लय वापस पाने और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिली।