35 प्लस उम्र के बाद शरीर पर हल्के एजिंग के लक्षण दिखाई देना शुरू हो जाते हैं. 40 से 45 की उम्र ये निशान ज्यादा स्पष्ट होने लगते हैं, लेकिन देखने में आता है कि कुछ लोग 40 में भी काफी जवां दिखाई देते हैं तो वहीं कुछ ऐसे भी हैं जिनमें 35 से पहले ही एजिंग के संकेत दिखना शुरू हो जाते हैं. इसे प्रीमेच्योर एजिंग कहा जाता है यानी समय से पहले बूढ़ा होना. हालांकि वक्त रहते अगर ध्यान दिया जाए तो उम्र बढ़ने के निशानों को कम किया जा सकता है. इसके लिए आपको डेली रूटीन में कुछ अच्छी आदतें अपनानी होती हैं. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि क्यों लोग प्रीमेच्योर एजिंग के शिकार होते हैं और आप कैसे खुद को समय से पहले बूढ़ा होने से सकते हैं.
प्रीमेच्योर एजिंग के पीछे की सबसे बड़ी वजह होती है आपका रूटीन खराब होना. आज के टाइम में लोगों की दिनचर्या काफी सुस्त रहने लगी है. इसके अलावा अनहेल्दी फूड का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है. जंक फूड्स के लिए आपको शॉप और स्ट्रीट स्टॉल्स पर लंबी लाइन दिख जाएगी. समय की कमी के चलते बहुत सारे लोग रेडी टू ईट यानी तुरंत तैयार होने वाली खाने पर निर्भर रहते हैं जो प्रिजर्वेटिव्स से भरा होता है.
स्किन एजिंग की बात करें तो सही देखभाल न करना और सन प्रोटेक्शन का यूज न करना जैसी वजह हो सकती हैं. एनसीबीआई की एक रिसर्च के मुताबिक डाइट में ज्यादा शुगर और रिफाइंड कार्ब्स लेने से भी प्रीमेच्योर एजिंग की शिकायत होने लगती है. चलिए जान लेते हैं कि वो कौन से संकेत हैं जो प्रीमेच्योर एजिंग यानी समय से पहले आपके बूढ़ा होने की ओर इशारा करते हैं.
स्किन पर दिखने वाले निशानप्रीमेच्योर एजिंग साइन की स्किन पर दिखने की बात करें तो अचानक आपको अपने हाथ-पैरों और चेहरे पर ड्राइनेस बहुत ज्यादा होने लगी है. पपड़ी जैसी जम जाती है तो इस पर ध्यान दें, नहीं तो झुर्रियां बनने लगती हैं. इसके अलावा आंखों के किनारों को गौर से देखें, अगर महीन लाइन बन रही हैं तो ये बढ़ती उम्र का संकेत है. इसके अलावा बाजुओं और चेस्ट के हिस्से में हल्के भूरे धब्बे दिखना जैसे संकेतो को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
कमजोरी और थकान बहुत होनाथोड़ा सा भी काम करते हैं और थकान महसूस होने लगती है या फिर आए दिन शरीर में कमजोरी लगती है. इसके पीछे या तो कोई हेल्थ से जुड़ी समस्या हो सकती है या फिर न्यूट्रिएंट्स की कमी से आप समय से पहले एजिंग का शिकार हो रहे हैं.
थकान और कमजोरी
बहुत कुछ कहती है आपकी वॉकपैदल चलते वक्त आपको ध्यान देना चाहिए कि कहीं आपकी चाल धीमी तो नहीं हो रही है. क्या आप अब ज्यादा तेज नहीं चल पाते हैं या फिर थोड़ी सी सीढ़ियां चढ़ते ही आप हांफने लगते हैं और पैरों की मसल्स-हड्डियों में दर्द हो जाता है तो ये एक संकेत है कि बुढ़ापे की ओर कदम बढ़ रहे हैं.
नींद में बार-बार रुकावटहेल्थ और नींद का गहरा संबंध होता है. अगर आपको बिना किसी कारण भी देर रात तक नींद नहीं आती है या फिर बार-बार नींद टूटती रहती है तो ये भी उम्र बढ़ने का संकेत हो सकता है. इससे याददाश्त पर भी असर पड़ता है. 45 के बाद थोड़ा बहुत भूलना स्वाभाविक है, लेकिन इससे पहले अगर आप चीजें भूल जाते हैं तो इस पर जरूर ध्यान दें.
मसल्स और हड्डियों में पेन रहनाएक उम्र के बाद लोगों में जोड़ों में दर्द (गठिया) और मांसपेशियों में स्टिफनेस होना काफी आम होता है, लेकिन कम एज में ही अगर आपको ये समस्याएं होने लगे तो प्रीमेच्योर एजिंग का संकेत है. सिटिंग जॉब वालों में पीठ, कमर, कंधों और गर्दन में दर्द की समस्या काफी कम उम्र में ही होने लगती है, इसलिए ज्यादा ध्यान देना चाहिए.