उम्र बढ़ने का असर सेहत और स्किन दोनों पर दिखाई देता है. 30 से 35 की उम्र के बाद झुर्रियां, फाइन लाइन्स, दाग-धब्बे और स्किन का ढीला होने जैसे कई एंटी-एजिंग लक्षण दिखाने लगते हैं. यह बहुत आम बात है, लेकिन कुछ लोग इन्हें कम करने या रोकने के लिए एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स का उपयोग करते हैं. मार्केट में कई एंटी-एजिंग क्रीम, सीरम जैसी स्किन पर लगाने वाली चीजें शामिल है, जिसका उपयोग जरूरत के मुताबिक कर किया जाता है. वहीं इसमें कुछ दवाएं और इंजेक्शन भी शामिल है, लेकिन इससे सेहत को नुकसान पहुंच सकता है.
पिछले कुछ दिनों से एंटी-एजिंग की दवा का विषय काफी चर्चा हो रही है. दरअसल एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की कार्डियक अरेस्ट के कारण मृत्यु हो गई. इसके बाद उनके घर में एंटी-एजिंग गोलियां और स्किन ग्लो टैबलेट मिली हैं. कहा जा रहा है कि शेफाली एंटी-एजिंग दवाइयां लेती थीं, जिसमें कुछ इंजेक्शन और दवाएं शामिल है. लेकिन अभी मौत के वास्तविक कारण के बारे में ज्यादा स्पष्ट जानकारी नहीं है. पर अब सवाल यह आता है कि क्या एंटी-एजिंग दवाएं सेहत पर गलत प्रभाव डालती हैं? और इन प्रोडक्ट्स के बिना भी स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग बनाया जा सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं एक्सपर्ट से कि एंटी-एजिंग दवाओं के नुकसान और आखिर बढ़ती उम्र में बिना किसी दवा के नेचुरली कैसे यंग नजर आ सकते हैं.
एंटी-एजिंग दवा से सेहत को क्या नुकसान होता है?दिल्ली के अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर संदीप अरोड़ा ने बताया कि एंटी-एजिंग दवाएं अगर बिना डॉक्टर की सलाह के या गलत तरीके से ली जाएं, तो इससे सेहत को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है. कुछ दवाओं में हार्मोन, स्टेरॉयड या अन्य केमिकल्स होते हैं जो शरीर के नैचुरल सिस्टम से छेड़छाड़ करते हैं, जिससे हार्ट और लिवर को नुकसान पहुंच सकता है. इसके अलावा हार्मोन बैलेंस बिगड़ सकता है. इनका नियमित सेवन करना ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल या हार्ट से जुड़ी बीमारी का कारण भी बन सकता है.
एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट के नुकसान ( Credit : Getty Images )
वहीं, क्रीम या सीरम जैसे एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स को चेहरे पर बाहरी तौर पर लगाने से नॉर्मली कोई गंभीर खतरा नहीं होता, जब तक कि उनमें हानिकारक केमिकल न हों, अगर आपकी स्किन बहुत ज्यादा सेंसिटिव न हो या आपको एलर्जी की समस्या न हो. हर किसी की स्किन टाइप अलग होती है, इसलिए किसी भी नए प्रोडक्ट का उपयोग करने से पहले पैच टेस्ट करें और डॉक्टर/डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लेना जरूरी है. हर्बल या सर्टिफाइड ब्रांड के प्रोडक्ट चुनें और दवा या सप्लीमेंट सिर्फ डॉक्टर की देखरेख में ही इस्तेमाल करें, तभी सेहत के लिए सुरक्षित रहता है.
स्किन को नेचुरली यंग कैसे रखें?डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर संदीप अरोड़ा का कहना है कि उम्र बढ़ने के साथ स्किन पर रिंकल, डलनेस और स्पॉट्स नजर आने लगते हैं. लेकिन सही स्किन केयर से आप स्किन को ग्लोइंग और हेल्दी बनाएं रख सकते हैं. रोजाना चेहरे को दिन में 2 बार माइल्ड फेस वॉश से साफ करें, मॉइस्चराइजर जरूर लगाएं और दिन में दो बार सनस्क्रीन इस्तेमाल करें, भले ही धूप कम हो.
एंटी-एजिंग साइंस ( Credit : Meta AI )
स्किन को हेल्दी रखने के लिए एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर डाइट लें. डाइट में मूंगफली, अखरोट, ब्लूबेरी, गाजर, चुकंदर, टमाटर, आंवला और सिट्रस फ्रूट्स शामिल करें. सर्दी या गर्मी मौसम चाहे कोई भी हो शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए खूब पानी पिएं, क्योंकि डिहाइड्रेशन के कारण स्किन डल नजर आने लगती है. बहुत ज्यादा केमिकल वाले प्रोडक्ट्स जैसे कि ब्लीच, हार्ड फेस पैक आदि को लगाने से बचें. इससे स्किन को नुकसान हो सकता है. स्किन को हेल्दी रखने के लिए फेशियल योग या हल्की मसाज करना फायदेमंद होता है.
हार्ट को हेल्दी कैसे रखें?दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में डायरेक्टर, इंटरवेंशनल, क्लिनिकल एंड क्रिटिकल कार्डियोलॉजी एंड इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी डॉक्टर अमर सिंघल ने बताया कि हेल्दी लाइफस्टाइल आपको न सिर्फ बीमारियों से बचाता है, बल्कि शरीर की उम्र बढ़ने की स्पीड को भी स्लो करता है. इसके लिए आपको कुछ सावधानियों का ध्यान रखना जरूरी है जैसे कि रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें और योगा, साइक्लिंग या तैराकी जैसी ऐक्टिविटीज अपनाएं.
डाइट में शामिल करें ये चीजें ( Credit : Getty Images )
खान-पान पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है. ताजा फल, सलाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज, दालें, नट्स और बीजों को डाइट में शामिल करें. नमक और चीनी की मात्रा कम रखें. तली चीजें, ट्रांस फैट्स और प्रोसेस्ड फूड वाली चीजों को खाने से परहेज करें. धूम्रपान और शराब का सेवन करने से परहेज करें. स्ट्रेस के कारण सेहत और स्किन दोनों पर बुरा असर पड़ता है, इससे एजिंग की प्रक्रिया तेजी से होती है इसलिए इनके सेवन से बचें. स्ट्रेस को कम करने के लिए रिलैक्सेशन टेक्निक्स जैसे गहरी सांसें, मेडिटेशन, या अपना पसंदीदा शौक अपनाएं. रोजाना पूरी नींद लें. हेल्दी रहने और हार्मोन बैलेंस के लिए कम से कम 7 से 8 घंटे सोना जरूरी होता है.
कार्डियोलॉजिस्ट और डर्मेटोलॉजिस्ट दोनों के मुताबिक ही स्किन पर बाहरी प्रोडक्ट्स से ज्यादा असर आपकी रोजमर्रा की आदतों और डाइट का पड़ता है. इसलिए तनाव कम करें, हंसी-मजाक का माहौल बनाएं, रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लें, एक्टिव रहें और बैलेंस डाइट लें. जितना हेल्दी आपका लाइफस्टाइल और डाइट होगी, उतना ही आपकी स्किन और सेहत के लिए सही रहेगा. इसलिए नेचुरल तरीके से ब्यूटीफुल और यंग दिखने के लिए छोटे-छोटे बदलाव अपनाएं, आगे आने वाले समय में एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स की जरूरत कम पड़ेगी.