धमतरी, 1 जुलाई (Udaipur Kiran) । वर्षा ऋृतु में जलजनित बीमारियां आम हैं। वर्षा के मौसम में लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए नगर निगम द्वारा पानी की विभिन्न मानकों में जांच के बाद वार्डों में सप्लाई की जा रही है। निगम द्वारा हरसंभव सतर्कता बरती जा रही है।
नगर पालिक निगम के जल टेक्निशियनों ने शहर के विभिन्न वाडों का पानी चेक कर पीएच मानक व टीडीएस की जानकारी ली, जिसमें पानी का मानक टीडीएस सही पाया गया। सोमवार को रामबाग क्षेत्र व पानी टंकी नंबर चार का पानी का सैंपल लिया गया जिसमें टेक्नीशियनों ने जांच में पाया कि पेयजल पूरी तरह शुद्ध है। वार्ड पार्षद एवं एमआईसी मेंबर अखिलेश सोनकर ने बताया कि शहरवासियों को शुद्ध पेयजल प्रदान करने की नियत से वार्डों में पानी चेक करने के लिए टीम गठित किया है, वार्ड वासी चाहे तो बोतल में पानी का सैंपल नगर निगम कार्यालय में लाकर जमा कर सकते हैं जिसे बाद में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के टेक्निशियनों द्वारा जांच की जा रही है, इसके अलावा वार्डों में तैनात आपरेटर भी पानी जमा कर सकते हैं, आपरेटरों को हिदायत दी गई है कि वे वार्ड के पानी का सैंपल प्रतिदिन लाकर निगम कार्यालय में जमा करें एवं आम जनता से मिले पानी की भी जांच कराए या सैंपल जांच के लिए कार्यालय लाया जाए। पानी का कलेक्शन होने के बाद सभी सैंपलों को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के टेक्नीशियन के द्वारा जांच की जाएगी।
महापौर जगदीश रामू रोहरा ने शहरवासियों से आग्रह किया है कि वर्षा के मौसम में दूषित पानी का सेवन किसी भी हाल में न करें। नगर निगम द्वारा प्रदाय शुद्ध पेयजल का ही प्रयोग करें एवं कहीं भी लगता है कि पानी पीने योग्य नहीं है तो उसका सेंपल निगम कार्यालय में लाकर जमा करें तत्काल पानी का जांच हो जाएगी।
अखिलेश सोनकर ने बताया कि, वर्षा का मौसम है इसलिए सबसे जरूरी है लोगों को शुद्ध पेयजल प्रदान करना है। वर्षा के मौसम में दूषित पेयजल शरीर के लिए नुकसानदायक है। निगम द्वारा प्रदाय पानी जांच के बाद पेयजल बनाया जाता है। सप्ताह के अंदर सभी वार्डों में पानी चेक करने के लिए शिविर लगाया जाएगा जिसमें आम जनता पानी चेक करवा सकते हैं। जांच में पीएच मानक, टीडीएस की जानकारी तत्काल मिल जाएगी। फिलहाल विंध्यवासिनी वार्ड के रामबाग क्षेत्र एवं पानी टंकी नंबर चार की पानी की जांच की गई है।
पीएचई से मिली जानकारी के अनुसार पीएचई की लेबोरेटरी में पानी की शुद्धत्ता जांचने के लिए 17 प्रकार के टेस्ट किए जाते हैं। यदि कोई एक भी बिंदु में पानी, खरा नहीं उतरता है, तो पानी को दूषित या इंफेक्टेड माना जाता है। पानी को अल्कालिनिटी, ऐसेनिक, कैल्सियम, क्लोराइड, कालीफोर्म, इकोईल, फ्लोराइड, टोटल हार्डनेस, आयरन, मैग्निशियम, मैगनीज, नाइट्रेट, पीएच. रेसिडियूल क्लोरिन, सल्फेट, टीडीएस व टर्बिडिटि जैसे बिंदुओं पर जांचा जाता है। इनमें से कालीफोर्म, ई कोईल बैक्टीरिया है। ये बैक्टीरिया पानी में नहीं रहना चाहिए। बाकी सभी की एक निश्चित मात्रा जरूरी है। इस बैक्टिरिया के कारण पानी का रंग काला होता है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा