इसको कंट्रोल करने के लिए आप कई घरेलू नुस्खों की मदद भी ले सकते हैं. अगर आपका यूरिक एसिड बढ़ गया है तो आप पान के पत्ते ( Betel Leaf) का सेवन कर सकते हैं. बता दें कि आर्युवेद में भी पान के पत्तों को उनके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. आइए जानते हैं यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में ये पत्ता कैसे मदद करता है.
पान के पत्ते के औषधीय गुण ( Betel Leaf Medicinal properties)
पान के पत्ते में पाए जाने वाले औषधीय गुणों की बात करें तो यह पत्ता अपने स्वाद और सुगंध के साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और डिटॉक्सिफाइंग गुणों के लिए भी जाना जाता है.
यूरिक एसिड को कैसे कंट्रोल करता है पान का पत्ता (Betel Leaf Benefits in Uric Acid)
पान के पत्ते में नेचुरल डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं, जो हमारे शरीर में जमा यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करते हैं.
यूरिक एसिड के बढ़ने पर जोड़ों में दर्द और सूजन होती है. ऐसे में पान के पत्ते का सेवन सूजन को कम करने में मदद करता है.
यूरिक एसिड बढ़ने पर किडनी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. पान का पत्ता किडनी की कार्यक्षमता को बढ़ाकर यूरिक एसिड को प्रभावी रूप से बाहर निकालने में मदद कर सकता है.
कैसे करे सेवन ( How to Consume Betel Leaf for Control High Uric Acid)
पान के पत्ते का रस: 2-3 पान के पत्तों को अच्छे से धोकर पीस लें और इसका रस निकाल लें. इस रस को दिन में एक बार सुबह खाली पेट पीने से लाभ मिल सकता है.
पान की चाय: 2-3 पान के पत्तों को उबालकर हर्बल चाय की तरह सेवन करें. इसे शहद या नींबू मिलाकर पी सकते हैं.
चबाकर खाना: रोजाना रात में सोने से पहले एक पान के पत्ते को चबाकर खा लें. आपको कुछ ही दिनों में इसका असर नजर आने लगेगा.