बीएच सीरीज नंबर प्लेट: लाभ, हानि और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
newzfatafat July 03, 2025 09:42 PM
बीएच सीरीज नंबर प्लेट: लाभ, हानि और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

बीएच सीरीज नंबर प्लेट: लाभ, हानि और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया: बीएच सीरीज नंबर प्लेट (BH Series Number Plate) अब हरियाणा समेत कई राज्यों में वाहन मालिकों के लिए एक सुविधाजनक विकल्प बन गई है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए है, जो अक्सर स्थान बदलते हैं।


भारत सरकार ने अगस्त 2021 में इस योजना की शुरुआत की थी। यह योजना न केवल वाहन रजिस्ट्रेशन (Vehicle Registration) को सरल बनाती है, बल्कि बीमा दावों (Insurance Claims) से संबंधित समस्याओं को भी कम करती है। हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हैं। आइए, इस नंबर प्लेट के लाभ, हानि और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को समझते हैं।


बीएच सीरीज के लाभ: रजिस्ट्रेशन की परेशानी खत्म


बीएच सीरीज नंबर प्लेट का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह बार-बार रजिस्ट्रेशन बदलने की आवश्यकता को समाप्त करता है। सामान्य राज्य नंबर प्लेट के साथ, यदि आप एक राज्य से दूसरे में जाते हैं, तो 12 महीनों के भीतर नया रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है।


यदि ऐसा नहीं किया गया, तो सड़क नियमों का उल्लंघन हो सकता है, जिससे बीमा दावा खारिज हो सकता है। लेकिन बीएच सीरीज के साथ यह चिंता समाप्त हो जाती है। यह नंबर प्लेट पूरे देश में मान्य है, जिससे स्थानांतरण के दौरान वाहन मालिकों को सुविधा मिलती है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है, जिनका काम विभिन्न राज्यों में होता है।


कौन कर सकता है आवेदन: योग्यता और प्रक्रिया


बीएच सीरीज नंबर प्लेट के लिए सरकारी कर्मचारी, रक्षा कर्मी, बैंक कर्मचारी, और प्रशासनिक सेवा से जुड़े लोग आवेदन कर सकते हैं। प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी भी पात्र हैं, बशर्ते उनकी कंपनी कम से कम चार राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में रजिस्टर्ड हो।


रजिस्ट्रेशन के लिए मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज के वाहन पोर्टल (VAHAN Portal) का उपयोग किया जा सकता है। प्राइवेट कर्मचारियों को फॉर्म 60, वर्क सर्टिफिकेट, और एम्प्लॉयमेंट आईडी जमा करनी होती है। इसके बाद आरटीओ गाड़ी की पात्रता की जांच करता है और मोटर व्हीकल टैक्स जमा करने के बाद नंबर प्लेट जारी होती है। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और सरल है।


नुकसान और चुनौतियां: क्या ध्यान रखें


बीएच सीरीज नंबर प्लेट के कुछ नुकसान भी हैं। यदि गाड़ी लोन पर ली गई है, तो बैंक से एनओसी (No Objection Certificate) लेना आवश्यक हो सकता है। कई बैंकों की नीतियां इस नंबर प्लेट को लेकर स्पष्ट नहीं हैं।


इसके अलावा, यदि भविष्य में आप बीएच सीरीज को हटाकर सामान्य राज्य नंबर प्लेट लेना चाहें, तो प्रक्रिया जटिल हो सकती है। इसके साथ ही, इस नंबर प्लेट के लिए टैक्स दरें सामान्य से थोड़ी अधिक हो सकती हैं। इसलिए, आवेदन से पहले सभी पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है।


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