हिमाचल स्कूल क्लोज़: हिमाचल प्रदेश में जारी मॉनसून के प्रकोप ने जहां आम जनजीवन को प्रभावित किया है, वहीं शिक्षा व्यवस्था पर भी इसका सीधा असर पड़ा है. प्रदेश सरकार ने साफ किया है कि खराब मौसम के दौरान छात्र स्कूल नहीं आएंगे, लेकिन शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को स्कूल आकर कार्य करना अनिवार्य होगा.
शिक्षा सचिव राकेश कंवर द्वारा जारी निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए भारी बारिश या प्रतिकूल मौसम की स्थिति में छात्रों की भौतिक उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी. लेकिन शिक्षकों को स्कूल से ही ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करनी होंगी.
शिक्षा सचिव ने यह भी बताया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत जिला उपायुक्तों को मौसम को देखते हुए स्कूल बंद करने का अधिकार है. लेकिन इस दौरान भी शिक्षण व गैर-शिक्षण कर्मचारियों को स्कूल में उपस्थित रहना होगा.
बंद दिनों को उत्पादक रूप से इस्तेमाल करने का निर्देश देते हुए सचिव ने कहा कि इन दिनों में शिक्षकों को निम्न कार्य पूरे करने होंगे:
29 जून से 1 जुलाई 2025 के बीच हुई भारी बारिश ने मंडी जिले में 84 से अधिक स्कूल भवनों को नुकसान पहुंचाया है. जिला शिक्षा विभाग के अनुसार, यह संख्या आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है क्योंकि कई क्षेत्रों से रिपोर्ट अभी आना बाकी है.
इन स्थितियों में शिक्षा विभाग को शैक्षणिक कार्य को जारी रखते हुए विद्यार्थियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है. बारिश और भूस्खलन के कारण स्कूलों की भौतिक संरचना की मरम्मत भी एक बड़ी चुनौती बन गई है.