पृथ्वी की गति: इस जुलाई और अगस्त में पृथ्वी अपनी सामान्य गति से तेज़ घूमने वाली है, जिससे दिन थोड़ा छोटा हो जाएगा। इस बदलाव का असर समय पर भी पड़ेगा। उदाहरण के लिए, 5 अगस्त को दिन करीब 1.51 मिलीसेकंड छोटा हो सकता है। यह बदलाव छोटे समय अंतराल में दिखाई देगा, लेकिन इसका असर साल भर पर पड़ेगा।
वैज्ञानिकों का मानना है कि धरती की गति में यह बदलाव कई कारणों से हो सकता है। पृथ्वी के अंदर हो रही हलचल और ग्लेशियरों का पिघलना इसके मुख्य कारण हो सकते हैं। इसके अलावा, मौसमीय बदलाव जैसे अल नीनो और ला नीना जैसी घटनाएं भी इसकी गति पर असर डाल सकती हैं।
पहले जब धरती का घूर्णन धीमा था, तब एक साल में 490 से लेकर 372 दिन तक लगते थे। लेकिन अब इस बदलाव के कारण हमें समय की गणना में कुछ बदलाव करने की आवश्यकता महसूस हो सकती है।इस बदलाव में चाँद की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो सकती है। जब चाँद पृथ्वी से अधिकतम दूरी पर होता है, तब यह बदलाव ज्यादा स्पष्ट हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले कुछ सालों में हमें एक नए तरीके से समय की गणना करनी पड़ सकती है, क्योंकि इस तेज़ रफ्तार के चलते भविष्य में एक लीप सेकंड को कम करने की जरूरत पड़ सकती है।